जयपुर. साल 1984 में सरकारी मापदंडों के अनुसार अपात्र होते हुए भी अनुकंपा नौकरी पाने का मामला सामने आया था. इसे लेकर बीते साल याचिकाकर्ता संजय शर्मा की रिट पर हाईकोर्ट ने स्वायत्त शासन विभाग को 84 दिन की अवधी में मामले का निस्तारण करने के निर्देश भी दिए थे और इसी साल 13 जनवरी को विभाग ने अनुकंपा नौकरी पाने वाले गुरदीप सिंह को एपीओ भी किया. हालांकि, गलत तरीके से सरकारी सेवा में नियुक्ति लेने का दोषी पाए जाने के बावजूद विभाग 30 जून को गुरदीप सिंह को सेवानिवृत्ति देने जा रहा है. ऐसे में याचिकाकर्ता संजय शर्मा ने सेवानिवृत्ति की बजाए गुरदीप सिंह पर कार्रवाई की मांग की है.
स्वायत्त विभाग गुरदीप सिंह को सेवानिवृत्ति का लाभ देने पर तुला : हनुमानगढ़ से एपीओ चल रहे गुरदीप सिंह को स्वायत्त शासन विभाग सेवानिवृत्ति कर पूरा लाभ देने पर तुला है. दरअसल, गुरदीप सिंह ने अपनी माता के निधन के बाद हनुमानगढ़ टाउन में अनुकंपा के आधार पर 1984 में सरकारी सेवा में नियुक्ति प्राप्त की थी. इसके लिए गुरदीप सिंह ने अपनी माता नक्षत्र कौर की मृत्यु के बाद उन पर आश्रित होने के फर्जी दस्तावेज तैयार कराए, जबकि उसके पिता चंद सिंह उस समय सरकारी सेवा में थे. जो सेवानिवृत्त होकर फिलहाल पेंशन पा रहे हैं. वहीं परिवार में चंद सिंह का बड़ा बेटा पीडब्ल्यूडी विभाग हनुमानगढ़ में कनिष्ठ अभियन्ता के पद पर मौजूद था. इस पर भादरा निवासी संजय कुमार शर्मा ने 26 जुलाई 2021 को एक रिट हाईकोर्ट में दायर की. जिसका निस्तारण करते हुए हाईकोर्ट ने 26 जुलाई 2021 को आदेश पारित कर 84 दिनों में मामले का निस्तारण करने के लिए स्वायत्त शासन विभाग को कहा.
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