जयपुर.एनसीआरबी (NCRB) ने 15 सितंबर को साल 2020 की रिपोर्ट जारी की है, जो राजस्थान के लिए बेहद शर्मनाक रही है. राजस्थान पूरे देश में दुष्कर्म के प्रकरणों में नंबर एक पर आया है. वहीं, दुष्कर्म के प्रकरणों में दूसरे नंबर पर उत्तर प्रदेश और तीसरे नंबर पर मध्य प्रदेश शामिल है.
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नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो की ओर से जारी किए गए साल 2020 के आंकड़ों की बात की जाए तो राजस्थान में साल 2020 में दुष्कर्म के 5,310 प्रकरण दर्ज किए गए हैं. जिसके तहत राजस्थान में 5,337 युवतियां और महिलाएं दुष्कर्म का शिकार हुई हैं. वहीं, देश में दुष्कर्म के मामले में दूसरे नंबर पर उत्तर प्रदेश का नाम है जहां साल 2020 में दुष्कर्म के 2,769 प्रकरण दर्ज किए गए. इसी प्रकार से दुष्कर्म के प्रकरणों में देश में तीसरे नंबर पर मध्य प्रदेश शामिल है जहां साल 2020 में दुष्कर्म के 2,339 प्रकरण दर्ज किए गए. हालांकि साल 2019 की तुलना में राजस्थान में दुष्कर्म के प्रकरणों में कमी देखी गई है.
राजस्थान में महिलाओं के साथ अपराध के आंकड़े साल 2019 में राजस्थान में दुष्कर्म के 5,997 मामले दर्ज किए गए थे. एनसीआरबी की रिपोर्ट के मुताबिक राजस्थान में दुष्कर्म के 1,279 प्रकरणों में पीड़िताओं की उम्र 18 साल से कम है. वहीं, दुष्कर्म के 4,031 प्रकरणों में दुष्कर्म पीड़िताओं की उम्र 18 साल से अधिक है.
अनुसूचित जाति के साथ अपराध के आंकड़े इसके साथ ही एनसीआरबी की रिपोर्ट में चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं कि राजस्थान में घटित हुए दुष्कर्म के 5,046 केसों में आरोपी पीड़ित का परिचित ही है. एनसीआरबी की रिपोर्ट के मुताबिक राजस्थान में अनुसूचित जाति के खिलाफ होने वाले अपराधों में भी वृद्धि दर्ज की गई है. 2018 में राजस्थान में अनुसूचित जाति के खिलाफ होने वाले 4,607 मामले दर्ज किए गए थे. जो 2019 में बढ़कर 6794 हो गए.
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साल 2020 में इन मामलों की संख्या बढ़कर 7,017 हो गई. इन आंकड़ों को लेकर एडीजी क्राइम डॉ. रवि प्रकाश मेहरड़ा का कहना है कि राजस्थान में सरकार ने फ्री रजिस्ट्रेशन की पॉलिसी लागू की है. जिसके कारण अपराधों के रजिस्ट्रेशन में काफी बढ़ोतरी दर्ज की गई है. जिसके चलते दर्ज होने वाले अपराधों का आंकड़ा पहले की तुलना में काफी बढ़ा है. हालांकि दुष्कर्म से संबंधित 40 फीसदी से अधिक प्रकरण में पुलिस एफआर लगाती है जो झूठे पाए जाते हैं या फिर किसी कारणवश उन प्रकरणों में समझौता हो जाता है.