जयपुर.दौसा घूसकांड प्रकरण में एसीबी ने आईपीएस मनीष अग्रवाल को गिरफ्तार कर लिया है. आईपीएस मनीष अग्रवाल का विवादों से पुराना नाता रहा है. 10 साल की आईपीएस सेवा के करियर में मनीष अग्रवाल ने 6 साल राजस्थान में बिताए हैं और इस दौरान वह महज 10 महीने के लिए ही 2 जिलों के एसपी रहे. आईपीएस मनीष अग्रवाल को विवादों के चलते दोनों ही जिलों से एसपी के पद से हटाया गया. बाड़मेर में मनीष अग्रवाल केवल 4 महीने के लिए एसपी रहे तो, वहीं दौसा जिले में 6 महीने एसपी रहने के बाद उन्हें हटा दिया गया.
आईपीएस मनीष अग्रवाल साल 2010 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं, जिन्हें पहले जम्मू कैडर में पोस्टिंग दी गई, जहां से साल 2014 में राजस्थान कैडर के आईपीएस अधिकारी से शादी करने के बाद अपना कैडर बदलवा कर राजस्थान आ गए. जम्मू में भी आईपीएस मनीष अग्रवाल काफी विवादों में रहे और 2015 में जम्मू में मनीष अग्रवाल के रीडर हेड कांस्टेबल युद्धवीर सिंह के खिलाफ सतर्कता संगठन में एफआईआर दर्ज की गई.
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वहीं, जम्मू में भी मनीष अग्रवाल की तरफ से 21 साल की लड़की की खुदकुशी के प्रकरण में दो संदिग्ध युवकों को रिहा करने के एवज में 5 लाख रुपए की रिश्वत की मांग की गई थी, जिस पर परिवादी की ओर से जम्मू में मनीष अग्रवाल और युद्धवीर सिंह के खिलाफ रिश्वत का प्रकरण दर्ज करवाया गया था. बताया जा रहा है कि विजिलेंस विभाग की तरफ से साल 2018 में आरोप प्रमाणित माने जा चुके हैं. जम्मू में दर्ज हुई एफआईआर के संदर्भ में भी राजस्थान एसीबी जानकारी जुटा रही है.
बीजेपी और कांग्रेस दोनों सरकार के कार्यकाल में रहे विवादित
आईपीएस मनीष अग्रवाल का राजस्थान में अब तक का कार्यकाल काफी विवादित रहा है. बीजेपी सरकार के कार्यकाल में मनीष अग्रवाल को बाड़मेर में एसपी लगाया गया और उस दौरान विवादों में रहने के चलते उन्हें 4 महीने बाद बीजेपी सरकार की ओर से एसपी के पद से हटाकर 3 महीने के लिए एपीओ कर दिया गया. वहीं, कांग्रेस सरकार में दौसा एसपी लगाए जाने पर लाखों रुपए की रिश्वत मांगे जाने की एफआईआर दर्ज होने के बाद उन्हें 6 महीने बाद कांग्रेस सरकार की ओर से एसपी के पद से हटाकर एसडीआरएफ में भेज दिया गया.