जयपुर.राजस्थान एसीबी में एडीजी के पद पर पदस्थापित दबंग आईपीएस ऑफिसर दिनेश एमएन को एक बार फिर बहुचर्चित सोहराबुद्दीन तुलसीराम एनकाउंटर में 7 साल जेल में बिताया वक्त याद आया और उन्होंने अपने उस वक्त को ईटीवी भारत के साथ साझा किया. दरअसल 27 दिसंबर 2006 को सोहराबुद्दीन एनकाउंटर के चश्मदीद गवाह तुलसी प्रजापति का गुजरात के पालनपुर जिले में स्थित अंबाजी के पास उदयपुर पुलिस और गुजरात एटीएस की टीम ने एनकाउंटर किया था.
इस मामले ने काफी तूल पकड़ा था और सीबीआई ने प्रकरण में जांच करते हुए भाजपा नेता अमित शाह को भी आरोपी मानकर गिरफ्तार किया था. प्रकरण में अमित शाह, दिनेश एमएन समेत एनकाउंटर में शामिल सभी पुलिसकर्मी अहमदाबाद स्थित साबरमती सेंट्रल जेल में बंद रहे. हालांकि कुछ महीने बाद ही अमित शाह की जमानत हो गई थी और वर्ष 2014 में वह बरी हो गए.
अपने जेल के 7 साल के एक्सपीरियंस को साझा करते हुए एडीजी दिनेश एमएन ने बताया कि उस दौरान उन्होंने खुद को कभी भी डिमोटिवेट नहीं होने दिया और साथ ही खुद को पॉजिटिव रखते हुए 7 साल का एक लंबा वक्त जेल में बिताया. एडीजी दिनेश एमएन ने बताया कि जिस वक्त वह जेल में थे और अभी कोरोना की जो स्थिति चल रही है, उनमें काफी समानता है.
पढ़ें-वायरल वीडियो: बाप के साथ मिलकर बेटे ने बेरहमी से की युवक की पिटाई, महिलाओं ने भी साथ दिया
उन्होंने बताया कि जिस तरह से उन्हें 7 साल जेल में बंद रहना पड़ा था. ठीक वर्तमान में लॉकडाउन के चलते लोगों को घर से बाहर नहीं निकलने के आदेश हैं. जेल में कई तरह के फिजिकल डिस्कंफर्ट थे और सबसे बड़ी चीज अनिश्चितता थी. उस समय यह अनिश्चितता थी कि जेल से बाहर कब निकलेंगे, केस में जमानत होगी या नहीं होगी. वैसी ही अनिश्चितता कोरोना संक्रमण के दौर में लोगों में देखी जा रही है कि उन्हें कहीं कोरोना संक्रमण तो नहीं होगा और यदि हो गया तो क्या वह ठीक हो पाएंगे, उन्हें अस्पताल में बेड मिल पाएगा, रेमडेसिविर इंजेक्शन मिल पाएगा आदि.