जयपुर. राजस्थान एसीबी में सवाई माधोपुर चौकी प्रभारी रहते हुए एडिशनल एसपी भैरू लाल मीणा ने खुद जितना भ्रष्टाचार किया उतना शायद आज तक सवाई माधोपुर में किसी भी अन्य भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने वाले कर्मचारी या अधिकारी ने नहीं किया होगा. जिसे भ्रष्टाचार को रोकने की जिम्मेदारी सौंपी गई उसी ने अपनी जड़ों को भ्रष्टाचार के दलदल में अंदर तक फैला दिया और जमकर लूटपाट मचाई.
5 महीने पहले 9 दिसंबर 2020 को राजस्थान एसीबी ने अब तक के इतिहास में पहली बार अपने ही एडिशनल एसपी रैंक के अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई करते हुए सवाई माधोपुर चौकी प्रभारी भैरू लाल मीणा को विभिन्न विभागों के अधिकारियों से अवैध वसूली करने के आरोप में गिरफ्तार किया. जिस वक्त एसीबी टीम ने भैरू लाल मीणा को गिरफ्तार किया गया उस वक्त वह सवाई माधोपुर के डीटीओ महेश चंद्र मीणा से 80 हजार रुपए की बंधी ले रहा था. इस प्रकरण में एसीबी ने कार्रवाई करते हुए न केवल भैरू लाल मीणा को गिरफ्तार किया बल्कि रिश्वत देने वाले डीटीओ महेश चंद्र मीणा को भी गिरफ्तार किया. भैरू लाल मीणा जिस भी विभाग के अधिकारी से रिश्वत लेता उस विभाग का अधिकारी चाहे कितना भी भ्रष्टाचार फैलाए उसके खिलाफ एक्शन नहीं लिया जाता.
प्रमोशन पाकर बना एडिशनल एसपी, बनाई अकूत संपत्ति
मासिक बंधी लेते हुए गिरफ्तार हुआ सवाई माधोपुर चौकी का प्रभारी एडिशनल एसपी भैरू लाल मीणा राजस्थान पुलिस में कांस्टेबल के पद पर भर्ती हुआ था. उसके बाद पांच प्रमोशन लेकर डिप्टी एसपी का पद पाया. राजस्थान एसीबी में इंसेंटिव के तहत भैरू लाल मीणा को एक पोस्ट सीनियर एडिशनल एसपी के पद पर सवाई माधोपुर में तैनात किया गया. एसीबी के अधिकारियों ने भी यह कभी नहीं सोचा था कि जिसे भ्रष्टाचार को रोकने की जिम्मेदारी सौंपी जा रही है.