जयपुर.कोरोना काल में बिना परीक्षा दिए अगली कक्षाओं में प्रमोट किए गए उच्च शिक्षा के विद्यार्थियों को इस सत्र में छात्रवृत्ति के योग्य नहीं माना जाएगा. कॉलेज शिक्षा विभाग ने पिछले दिनों इस संबंध में आदेश जारी किया है. अब अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद अब इस फैसले के विरोध में उतर आया है. अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के प्रदेश मंत्री होशियार मीणा ने मुख्यमंत्री से मांग की है कि इस फैसले को वापस लिया जाए.
विद्यार्थियों की छात्रवृत्ति पर रोक का ABVP विरोध अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के प्रदेश मंत्री होशियार मीणा का कहना है कि हाल ही में उच्च शिक्षा विभाग ने एक आदेश निकाला है. जिसमें साफ लिखा है कि कोरोना काल में बिना परीक्षा दिए प्रमोट किए गए विद्यार्थियों के छात्रवृत्ति आवेदन इस सत्र में स्वीकार नहीं किए जाएंगे. यह गलत है। ग्रामीण परिवेश के कई विद्यार्थियों के परिवार की आर्थिक स्थिति इतनी अच्छी नहीं होती है. ऐसे में उनके पास अपनी पढ़ाई जारी रखने के लिए छात्रवृत्ति ही संबल होती है.
उनका यह भी कहना है कि यदि इस साल छात्रवृत्ति नहीं मिलती है, तो प्रदेश के कई जरूरतमंद विद्यार्थियों को अपनी पढ़ाई छोड़ने तक कि नौबत आ सकती है. इसलिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को यह आदेश निरस्त कर प्रमोटेड विद्यार्थियों को भी छात्रवृत्ति का लाभ दिलवाना चाहिए. उनका कहना है कि यदि सरकार इस फैसले को वापस नहीं लेती है, तो अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद प्रदेशव्यापी आंदोलन करेगी.
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बता दें कि कोरोना काल में केवल अंतिम वर्ष के विद्यार्थियों की ही परीक्षा हुई है, जबकि प्रथम वर्ष के विद्यार्थियों को बिना परीक्षा अगली कक्षा में प्रमोट कर प्रमाण पत्र दिया गया है. जबकि द्वितीय वर्ष के विद्यार्थियों को प्रथम वर्ष के अंकों के आधार पर अंक देकर प्रमोट किया गया है. ऐसे विद्यार्थियों के छात्रवृत्ति के आवेदन स्वीकार नहीं करने के आदेश पिछले दिनों कॉलेज शिक्षा आयुक्तालय ने जारी किए हैं.