राजस्थान

rajasthan

ETV Bharat / city

21 मांगों को लेकर एबीवीपी का आंदोलन, भूख हड़ताल से 6 की तबीयत बिगड़ी, चार कार्यकर्ता डटे

छात्रहितों से जुड़ी 21 सूत्रीय मांगों को लेकर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का आंदोलन बुधवार को 17वें दिन भी जारी रहा, जबकि भूख हड़ताल का आज 9वां दिन है. इस बीच भूख हड़ताल पर बैठे 6 कार्यकर्ताओं की अब तक तबीयत बिगड़ चुकी है. जबकि 4 कार्यकर्ता अब भी भूख हड़ताल पर हैं, इनकी नियमित स्वास्थ्य जांच करवाई जा रही है.

एबीवीपी कार्यकर्ताओं की भूख हड़ताल से तबीयत बिगड़ी, ABVP workers health strike worsens
एबीवीपी कार्यकर्ताओं की भूख हड़ताल से तबीयत बिगड़ी

By

Published : Mar 10, 2021, 3:54 PM IST

जयपुर. छात्रहितों से जुड़ी 21 सूत्रीय मांगों को लेकर राजस्थान विश्वविद्यालय में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का आंदोलन आज बुधवार को 17वें दिन भी जारी रहा. जबकि भूख हड़ताल का आज 9वां दिन है. इस बीच भूख हड़ताल पर बैठे 6 कार्यकर्ताओं की तबीयत बिगड़ चुकी है, जबकि चार कार्यकर्ता अभी भी भूख हड़ताल पर बैठे हैं. भूख हड़ताल पर बैठे कार्यकर्तओं की नियमित मेडिकल जांच करवाई जा रही है.

एबीवीपी कार्यकर्ताओं की भूख हड़ताल से तबीयत बिगड़ी

बता दें कि कोरोना काल में पांच फीसदी बोनस अंक देने, छात्राओं को निशुल्क उच्च शिक्षा देने, नए पुस्तकालय भवन को विद्यार्थियों के लिए खोलने और कॉलेज व्याख्याता भर्ती परीक्षा से पहले सेट परीक्षा का आयोजन करवाने सहित 21 सूत्रीय मांगों को लेकर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद लगातार 17 दिन से आंदोलन कर रही है, जबकि बीते 9 दिन से एबीवीपी के कार्यकर्ता भूख हड़ताल पर बैठे हैं.

एबीवीपी के विभाग संयोजक रोहित गौतम ने बताया कि भूख हड़ताल पर बैठे 6 विद्यार्थियों की तबीयत बिगड़ने के बाद भी विश्वविद्यालय प्रशासन की नींद नहीं टूटी है और छात्रहितों की मांगों को लेकर विश्वविद्यालय की ओर से कोई सकारात्मक कदम नहीं उठाया गया है. यहां तक कि विवि का कोई भी प्रतिनिधि अभी तक धरनास्थल पर नहीं पहुंचा है, यह शर्मनाक है.

पढ़ें-मां-बेटी को निर्वस्त्र कर पीटने के मामले में भड़कीं वसुंधरा, कहा- प्रदेश की छवि को कलंकित करने वाली घटना

एबीवीपी के विभाग संयोजक राहुल गौतम का कहना है कि जब तक राजस्थान विश्वविद्यालय प्रशासन और प्रदेश की सरकार छात्रहितों की मांगों को लेकर कोई सकारात्मक कदम नहीं उठाती है और उनकी 21 सूत्रीय मांगों को लेकर कार्रवाई नहीं की जाती है, तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा.

ABOUT THE AUTHOR

...view details