जयपुर. गहलोत सरकार पर पेट्रोल- डीजल पर लगाई जा रही वैट की दरें (VAT) घटाने के लगातार बढ़ रहे दबाव के बीच राज्य के सीमावर्ती जिलों के पेट्रोल पंप बंद होने के कगार आ गए है. क्योंकि राजस्थान से बाहर जाने वाले लोग सस्ते के चक्कर में बॉर्डर पार करते ही पेट्रोल डीजल खरीद लेते या फिर राजस्थान की सीमा में प्रवेश करने से पहले खरीद लेते हैं.
राजस्थान की सीमा से सटे पेट्रोल पंप सस्ते के चक्कर से प्रभावित हो रहे हैं. आलम यह है कि करीब 1200 पेट्रोल पंप बंद होने के कगार पर पहुंच गए है. राजस्थान से हरियाणा ,पंजाब ,गुजरात ,उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश की सीमाएं लगती है. इनमें से हरियाणा, पंजाब से सटी सीमाओं पर तो हमेशा पेट्रोल डीजल की कीमतों में अंतर रहा है. लेकिन यह अंतर 4-5 रुपये से ज्यादा कभी नहीं रहा.
जिसके चलते राजस्थान के बॉर्डर के क्षेत्र वाले पेट्रोल पंप इतना प्रभावित नहीं रहे, लेकिन केंद्र के एक्साइज ड्यूटी घटाने के बाद इन राज्यों ने अपने यहां वैट की दरों में कटौती कर दी है. लेकिन राजस्थान में वैट की दरें यथावत है. जिसके चलते लोग इन राज्यों में प्रवेश करते समय पेट्रोल- डीजल भरवा लेते हैं.
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राजस्थान में वैट की दरें यथावत होने की वजह से पेट्रोल की कीमतों में अंतर 17 रुपये तक पहुंच गया है. इसके चलते राजस्थान के सीमावर्ती क्षेत्रों में करीब 12 सौ पेट्रोल पंप ऐसे हैं जो बंद होने के कगार पर आ गए हैं. राजस्थान सरकार वैट की दरों में कटौती करने पर ही इन पेट्रोल पंपों को राहत मिल सकती है.
राजस्थान में पांच राज्यों से जुड़े 16 से 17 जिले ऐसे हैं, जिनमें करीब 50 किलोमीटर तक 1200 पेट्रोल पंप वैट के अंतर के चलते पूरी तरह प्रभावित है. इन जिलों में गंगानगर, हनुमानगढ़, बीकानेर, चूरू ,अलवर ,झुंझुनू ,भरतपुर, धौलपुर ,कोटा ,झालावाड़ ,सवाई माधोपुर ,उदयपुर ,राजसमंद, सिरोही ,डुंगरपुर ,बांसवाड़ा ओर जालौर जिले शामिल है. जहां पेट्रोल डीजल की कीमतों में 10 से लेकर ₹17 तक का अंतर है.