जयपुर: अखंड सौभाग्य और खुशहाली का प्रतीक लोकपर्व हरियाली तीज (Hariyali Teej 2021) सावन महीने में शुक्ल पक्ष की तृतीया बुधवार को मनाया जाएगा. इससे पहले आज मंगलवार को सुहागिन महिलाएं सिंजारा मनाती हैं. यानी खूब सिंगार करती हैं. सजने धजने के सारे उपक्रम करती हैं. हाथों में मेहंदी लगाती हैं. घेवर व अन्य मिठाई घर की बड़ी-बुजुर्ग महिलाओं को भेंट करती हैं. इस मौके पर तीज माता की सवारी निकालने की परम्परा है लेकिन कोरोना की वजह से पिछली बार की ही तरह इस बार ये नहीं निकलेगी.
Special : गुलाबी नगरी के 'लहरिया' के बिना फीका है सावन का 'तीज'
पिंक सिटी (hariyali teej in pink city) में पिछले साल के मुकाबले इस बार नवविवाहिताओं में ज्यादा उत्साह देखने को मिल रहा है. पिछले साल कोरोना की वजह से लॉकडाउन लगा रहा. सो सड़कों पर चहल पहल कम ही दिखी. हरियाली तीज नव ब्याहता के लिए खास मायने रखती है.
प्रथा अनुसार अमर सुहाग की कामना के साथ नवविवाहिताओं को पीहर और ससुराल पक्ष की ओर से घेवर, मिठाई, लहरिया (साड़ी) और सौभाग्य से जुड़ी अन्य वस्तुएं भेंट की जाती हैं. जबकि जिन युवतियों की सगाई हो चुकी है उनके होने वाले ससुराल पक्ष से भी यह वस्तुएं भेंट की जाती हैं.
इस बार भी तीज पर नहीं निकलेगी तीज माता की सवारी(Teej Mata Ki Sawari):कोरोना संक्रमण के चलते इस बार भी सामूहिक और भीड़भाड़ वाले आयोजनों पर रोक है. इसके चलते इस साल भी सिटी पैलेस की जनानी ड्योढ़ी से तीज माता की सवारी नहीं निकलेगी. कोरोना संक्रमण के चलते पिछले साल भी तीज माता की शाही सवारी नहीं निकली थी. जयपुर की यह परंपरा रही है कि जनानी ड्योढ़ी से निकलने वाली तीज माता की सवारी के दर्शन के बाद ही महिलाएं व्रत खोलती हैं. लेकिन इस साल भी कोरोना संक्रमण के चलते तीज माता की शाही सवारी नहीं निकलेगी.