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Special: कोरोना काल में गुलाबी नगरी में चेन स्नैचिंग की वारदातें थमीं, 80 फीसदी की आई कमी - कमिश्नर अजय पाल लांबा

कोरोना काल में राजधानी जयपुर की महिलाओं को सुकून देने वाली एक खबर सामने आई है. राजधानी में चेन स्नैचिंग की वारदातों में बीते दो साल की तुलना में 80 फीसदी की कमी दर्ज की गई है. साथ ही मोबाइल लूट और पर्स स्नैचिंग के मामलों में भी काफी कमी आई है.

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चेन स्नैचिंग के मामले में आई कमी

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Published : Oct 21, 2020, 9:09 PM IST

जयपुर.प्रदेश की राजधानी में लॉकडाउन के दौरान चेन स्नैचिंग की बहुत कम वारदातें घटित हुईं. जैसे ही अनलॉक की प्रक्रिया शुरू हुई, उसके साथ ही चेन स्नैचिंग की वारदातों में कुछ इजाफा देखा गया. हालांकि साल 2018 और 2019 की तुलना में साल 2020 में मार्च से लेकर अगस्त तक चेन स्नैचिंग की वारदातों में 80 फीसदी की कमी दर्ज की गई है.

चेन स्नैचिंग के मामले में आई कमी

यदि बात की जाए राजधानी जयपुर में चेन स्नैचिंग की वारदातों की तो प्रतिमाह औसतन 21 से 22 चेन स्नैचिंग की वारदातें होती हैं. वहीं यदि साल 2020 में हुई चेन स्नैचिंग की वारदातों के आंकड़ों पर नजर डालें तो प्रतिमाह औसतन 8 से 9 घटनाएं ही हुई हैं. साथ ही पुलिस द्वारा चेन स्नैचिंग की वारदातों को अंजाम देने वाले बदमाशों को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से पावर बाइक भी बरामद की गई है. चेन स्नैचिंग की वारदात को अंजाम देने वाले बदमाशों पर नकेल कसने में कमिश्नरेट स्पेशल टीम और डिस्ट्रिक्ट स्पेशल टीम का विशेष योगदान रहा है.

पूर्व में चेन स्नैचिंग की वारदात करने वाले बदमाशों ने ही दिया वारदात को अंजाम

एडिशनल पुलिस कमिश्नर क्राइम अजय पाल लांबा ने बताया कि लॉकडाउन और अनलॉक डाउन की प्रक्रिया के दौरान राजधानी में चेन स्नैचिंग की वारदात को अंजाम देने वाले जिन बदमाशों को गिरफ्तार किया गया है. उनका पूर्व में भी आपराधिक रिकॉर्ड रहा है. गिरफ्त में आए अधिकतर बदमाश ऐसे हैं, जो पूर्व में भी चेन स्नैचिंग की वारदातों को अंजाम दे चुके हैं और कोरोना काल में भी उन्हीं के द्वारा स्नैचिंग की वारदातों को अंजाम दिया गया है.

बेरोजगार हो जाने पर नहीं किया किसी ने भी अपराध

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चेन स्नैचिंग की वारदात को अंजाम देने वाले बदमाशों पर पुलिस की पैनी निगाह रहती है. लेकिन कोरोना के चलते पुलिस अन्य कार्यों में जुट गई. ऐसे में बदमाशों ने इसका फायदा उठाते हुए एक बार फिर से सक्रिय होकर चेन स्नैचिंग की वारदातों को अंजाम देना शुरू कर दिया. हालांकि सीसीटीवी फुटेज के आधार पर पुलिस ने वारदात को अंजाम देने वाले बदमाशों को गिरफ्तार करने में सफलता प्राप्त की.

बेरोजगार हो जाने पर नहीं किया किसी ने भी अपराध

वैश्विक महामारी कोरोना के चलते देश में बड़ी संख्या में लोग बेरोजगार हुए हैं. इस दौरान कई राज्यों में रोजगार छिन जाने से बेरोजगार हुए लोगों ने अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए अपराध का दामन थाम लिया है.

बदमाशों ने ही दिया वारदात को अंजाम

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वहीं यदि राजधानी जयपुर की बात की जाए तो यह चीज सुकून देने वाली है कि रोजगार छिन जाने से बेरोजगार हुए किसी भी व्यक्ति द्वारा चेन स्नैचिंग या फिर किसी अन्य अपराध को अंजाम नहीं दिया गया है. अब तक राजधानी जयपुर में ऐसा कोई भी मामला सामने नहीं आया है और जितनी भी वारदात घटित हुई है. उनमें गिरफ्तार किए गए बदमाशों का पूर्व में भी अपराधिक रिकॉर्ड निकलकर सामने आया है.

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चेन स्नेचिंग की वारदातों में कमी दर्ज किए जाने के साथ ही मोबाइल स्नेचिंग और पर्स स्नैचिंग की वारदातों में भी काफी कमी देखने को मिली है. यदि जनवरी से लेकर अगस्त माह तक 3 साल में घटित हुई मोबाइल स्नेचिंग की वारदातों के आंकड़ों पर नजर डाली जाए तो साल 2018 में राजधानी जयपुर में मोबाइल स्नैचिंग की 81 वारदात घटित हुई. वहीं साल 2019 में इसमें काफी इजाफा देखने को मिला.

इस दौरान मोबाइल स्नैचिंग की कुल 347 वारदात घटित हुई. वहीं साल 2020 में मोबाइल स्नैचिंग की वारदातों में कमी देखने को मिली और 107 वारदातों घटित हुईं. इसी प्रकार से यदि पर्स स्नैचिंग की वारदातों पर नजर डाली जाए तो साल 2018 में 38, 2019 में 72 और 2020 में 31 वारदातें घटित हुई हैं.

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