जयपुर. 15वीं विधानसभा का पांचवां सत्र शनिवार 31 अक्टूबर से एक बार फिर से शुरू होने जा रहा है. सरकार के लिहाज से पांचवां सत्र खासा महत्वपूर्ण है, क्योंकि यही पांचवां सत्र था, जिसमें तमाम राजनीतिक उठापटक के बाद कांग्रेस सरकार ने अपना बहुमत विधानसभा में साबित किया था. अब जिन कृषि कानूनों के खिलाफ कांग्रेस पार्टी पूरे देश में सड़क पर उतरकर विरोध कर रही है, उसी कानून के खिलाफ अब सदन में भी कानून लाने की तैयारी हो रही है.
दरअसल शनिवार 31 अक्टूबर से शुरू होने वाले सत्र में पंजाब के बाद राजस्थान वह राज्य बन जाएगा, जो केंद्रीय कृषि कानूनों को निष्क्रिय करने के लिए राज्य के अलग से कानून लेकर आएगा. जिससे कि केंद्रीय कानूनों का असर किसानों पर ना पड़े. वहीं इसी सत्र में इन तीन कृषि कानूनों के साथ ही किसानों के हितों को संरक्षित करने के लिए राजस्थान सरकार दीवानी प्रक्रिया संहिता 1960 में परिवर्तन कर किसान की 5 एकड़ तक की किसान भूमि को कुर्क नहीं करने का संशोधन लेकर आएगी. वहीं अब मास्क को लेकर भी कानून विधानसभा सत्र में लाया जाएगा.
नहीं होगा प्रश्नकाल
शनिवार 31 अक्टूबर से शुरू होने वाले विधानसभा सत्र को 15वीं विधानसभा का पांचवां सत्र माना जाएगा, क्योंकि 15 वीं विधानसभा का पांचवा सत्र 14 अगस्त से शुरू हुआ था, जिसमें सरकार ने विश्वास मत हासिल किया था. चूंकि उस समय सत्र को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित किया गया था, लेकिन राज्यपाल ने इसका सत्रावसान नहीं किया था. ऐसे में विधानसभा का यह पांचवां सत्र ही माना जाएगा.
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विधानसभा की कार्रवाई 31 अक्टूबर शनिवार सुबह 11 बजे से शुरू होगी और पहले दिन 5 या उससे ज्यादा संशोधन, कानून सरकार की ओर से विधानसभा के पटल पर रखे जाएंगे. शनिवार को होने वाले विधानसभा सत्र में प्रश्नकाल और शून्यकाल नहीं होगा. बिलों को विधानसभा में रखने के बाद कार्य सलाहकार समिति की बैठक होगी, जिसमें इन बिलों को पास करने के लिए दिन तय किया जाएगा और संभवतः सोमवार को यह सभी बिल विधानसभा में पास कर राज्यपाल को भेज दिए दिए जाएंगे और संभवतः सोमवार ही विधानसभा के पांचवें सत्र का अंतिम दिन हो.