जयपुर. बदलती हुई परिस्थितियों में इंजीनियरिंग संकाय के विद्यार्थियों में तकनीकी क्षमता बढ़ाने के लिए ऑनलाइन सेमिनार का आयोजन हुआ. 53वें इंजीनियर दिवस पर हुई कॉन्फ्रेंस में राज्यपाल कलराज मिश्र ने इंजीनियर्स को आभासी समारोह में सम्मानित किया. इस मौके पर राज्यपाल ने संविधान की प्रस्तावना और कर्तव्यों का वाचन भी किया.
'उद्योगों के विकास के लिए नई रूपरेखा तैयार करें' राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा कि इंजीनियर्स को बदलती हुई परिस्थितियों पर अनुसंधान करना होगा. समय के अनुरूप आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए भविष्य के लिए उद्योग, धंधों के विकास के लिए रूपरेखा तैयार करें और आत्मनिर्भर भारत के लिए राज्य के तकनीकी विश्वविद्यालय से एमओयू करें. इससे राज्य में तकनीकी दक्षता का विकास होगा और नवाचार भी होंगे, जिससे राज्य को इसका लाभ मिलेगा.
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इस मौके पर राज्यपाल ने कहा कि कोरोना वैश्विक महामारी ने जीवन के प्रत्येक स्तर पर स्थितियां बदली है. ऐसी स्थिति में देश के इंजीनियर्स पर महती जिम्मेदारी है. हमें देश को मजबूत बनाना है और देश की प्रतिभाओं को आगे बढ़ाना है. उनके द्वारा किए गए कार्यों को समाज और देश के सामने लाना होगा. इसके लिए हमें लोकल को प्राथमिकता देनी होगी. लोकल के लिए वोकल होना ही होगा, लोकल को ग्लोबल बनाने के प्रयास करने होंगे.
राज्यपाल ने कहा कि स्थानीय प्रतिभाओं को स्थानीय स्तर पर संसाधन उपलब्ध कराने होंगे, ताकि स्थानीय स्तर पर उत्पाद तैयार हो. इसके लिए इंजीनियर्स का दायित्व है कि वे उत्पादन की पूरी प्रक्रिया को सामाजिक, आर्थिक और विज्ञान की दृष्टि से सभी पहलुओं का प्रशिक्षण कर लें. ताकि यह लोकल उत्पाद ग्लोबल बन सके. साथ ही गांवों में रोजगार के साधन सुलभ कराने होंगे, ताकि गांवों से लोगों का रोजगार के लिए पलायन नहीं हो सके. हमें गांव में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों को बढ़ाओ देना होगा. लोगों को स्थानीय स्तर पर रोजगार मिलेगा इससे ना केवल गांव बल्कि देश मजबूत हो सकेगा.