जयपुर.छोटी काशी के प्रसिद्ध राधा दामोदर मंदिर में करीब 500 सालों से चली आ रही परंपरा का शुक्रवार को निर्वहन किया (500 year old ritual in Radha Damodar temple) गया. यहां दोपहर 12 बजे ही कान्हा का जन्मोत्सव मनाया गया. वैदिक मंत्रोचार के साथ पूजन कर भगवान का पंचामृत से अभिषेक और विशेष शृंगार किया गया. खास बात यह रही कि इस बार कोरोना की दीवार नहीं रही. ऐसे में इस बार अभिषेक कार्यक्रम को भव्यता के साथ मनाया गया.
जयपुर के आराध्य गोविंद देव मंदिर से सभी भलीभांति परिचित हैं. यहां जन्माष्टमी पर होने वाला कृष्ण जन्मोत्सव कार्यक्रम विख्यात है. जयपुर में ही मौजूद राधा-दामोदर का भी अपना इतिहास रहा है. महंत के अनुसार राधा दामोदर जी की मूर्ति वृंदावन से तत्कालीन महाराजा सवाई जयसिंह के आग्रह पर जयपुर लाकर स्थापित की गई थी. राधा दामोदर के विग्रह के लिए कहा जाता है कि श्री गोविंद विग्रह के प्राप्तकर्ता रूप गोस्वामी ने इसका निर्माण किया और अपने भतीजे जीव गोस्वामी को सेवा पूजा के लिए सौंप दिया. राधा दामोदर की सेवा का प्राकट्य माघ शुक्ल दशमी संवत 1599 का माना जाता है. इसकी विशेषता ये है कि दूसरे मंदिरों से अलग यहां जन्माष्टमी पर भगवान का अभिषेक दिन में दोपहर 12 बजे होता है.