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राजा मानसिंह की 470वीं जयंती पर लगा रक्तदान शिविर...'मान महिमा' का किया वितरण

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Published : Dec 21, 2020, 4:38 PM IST

आमेर में महाराजा मानसिंह की 470वीं जयंती पर श्री राजपूत करणी सेना की ओर से कार्यक्रम हुआ. आयोजन के तहत दिल-ए-आराम बाग में रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया.

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रक्तदान शिविर में युवाओं ने बढ़ चढ़कर भाग लिया...

जयपुर. आमेर में महाराजा मानसिंह की 470वीं जयंती पर श्री राजपूत करणी सेना की ओर से कार्यक्रम हुआ. आयोजन के तहत दिल-ए-आराम बाग में रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया. श्री राजपूत करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष महिपाल सिंह मकराना ने रक्तदान कार्यक्रम का शुभारंभ किया. रक्तदान शिविर में युवाओं ने बढ़ चढ़कर भाग लिया.

दिल-ए-आराम बाग में रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया...

कार्यक्रम में कांग्रेस और बीजेपी नेताओं के साथ विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधियों ने रक्तदाताओं का उत्साहवर्धन किया. इस दौरान राजा मानसिंह की जीवनी और उनके इतिहास पर लिखी पुस्तक भी वितरित की गई. श्री राजपूत करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष महिपाल सिंह मकराना ने बताया कि राजा मानसिंह 470वीं जयंती मनाई जा रही है. कोरोना संकट में रक्तदान की सख्त आवश्यकता है. एक यूनिट रक्त किसी को जीवनदान दे सकता है.

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उन्होंने कहा कि राजा मानसिंह में अपने जीवन काल में करीब 150 लड़ाइयां लड़ी थी, जिनमें 70 बड़े युद्ध थे. राजा मानसिंह ने एक भी लड़ाई नहीं हारी थी, लेकिन फिर भी कई लोगों ने उनके इतिहास को कलंकित करने का प्रयास किया. इसलिए राजा मानसिंह की जीवनी की जानकारी को लोगों तक पहुंचाया जा रहा है. राजा मानसिंह की जीवनी पर आधारित पुस्तक वितरित की जा रही है. राजा मानसिंह ने अफगानिस्तान पर फतह किया था. हिंदू धर्म के हर मंदिर पर मिलने वाले पचरंगी झंडा राजा मानसिंह की ही देन है.

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करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष महिपाल सिंह मकराना ने कहा कि करणी सेना ने हमेशा इतिहास के साथ तोड़ मरोड़ कर हो रही छेड़छाड़ के खिलाफ आवाज उठाई है. चाहे पद्मावती फिल्म हो या अकबर जोधा फिल्म हो. अकबर जोधा भी जयपुर के इतिहास से ही जुड़ा हुआ है. इतिहास में जोधा नाम की महिला से अकबर की शादी नहीं हुई थी. लोगों ने भ्रम पैदा किया कि राजा मानसिंह ने अपनी बेटी का विवाह अकबर के साथ किया, लेकिन ऐसा नहीं हुआ था. जो अकबर के साथ गई उसका नाम हरका था. राजा मानसिंह की 470वीं जयंती के अवसर पर उनके जीवनी पर आधारित मान महिमा नाम से पुस्तक का वितरण किया गया है.

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