राजस्थान

rajasthan

ETV Bharat / city

40 वर्षीय हथिनी रानी ने तोड़ा दम, हाथी गांव में शोक की लहर - jaipur news

जयपुर के आमेर स्थित हाथी गांव में शुक्रवार को एक हथिनी रानी की मौत हो गई. जिसके कारण गांव के सभी हाथी मालिक शोक में हैं. कोरोना के कारण लगाए गए लॉकडाउन के चलते हाथी चल नहीं पा रहे हैं जिसके कारण उनकी पाचन क्रिया ठीक नहीं है. जिससे उनकी मौत हो रही है.

राजस्थान न्यूज, jaipur news
हथिनी रानी की हुई मौत

By

Published : Sep 4, 2020, 11:27 PM IST

जयपुर.राजधानी के आमेर स्थित हाथी गांव में हथिनी रानी ने दम तोड़ दिया. हथिनी रानी की मौत के बाद सभी हाथी मालिकों में शोक की लहर दौड़ गई. पिछले 5 महीने से हाथी नहीं चलने के कारण महावत और हाथी मालिकों को कमजोर आर्थिक स्थिति का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे में एक हथिनी की मौत का हो जाना हाथिनी मालिक को बड़ा झटका लगा है. मृतक हथिनी का नाम रानी है जो हाथी गांव में 99 नंबर की हथिनी थी.

हथिनी रानी की हुई मौत

पिछले 5 महीने के अंतराल की बात करें तो आमेर हाथी गांव में करीब 4 हाथियों की मौत हो चुकी है और हथिनी की पिछले 4 दिन से तबीयत खराब चल रही थी. हथिनी ने एक दिन पहले ही खाना पीना छोड़ दिया था.

बता दें कि गुरुवार देर रात करीब 1 बजे हथिनी ने दम तोड़ दिया. हथिनी को 10 साल पहले असम से लाया गया था. हथिनी की उम्र करीब 40 साल बताई जा रही है. पशु चिकित्सक डॉक्टर नीरज शुक्ला ने हथिनी का पोस्टमार्टम किया. पोस्टमार्टम करने के बाद हथिनी का अंतिम संस्कार कर दिया गया. पोस्टमार्टम की रिपोर्ट आने के बाद मौत की असली वजह भी सामने आ पाएगी.

डॉ. शुक्ला ने बताया कि कोरोना के चलते आमेर महल में हाथियों का संचालन नहीं होने से इनकी पाचन क्रिया भी सही तरीके से नहीं चल पा रही है. इन हाथियों की पाचन क्रिया के लिए हाथी को रोजाना करीब 20 से 30 किलोमीटर चलना जरूरी है. डॉक्टर शुक्ला ने सरकार से मांग करते हुए कहा कि इन हाथियों को चलने के लिए आमेर महल की अनुमति दी जाए. जिससे इन हाथियों की पाचन क्रिया सही चल सके. नहीं तो हाथी किसी ना किसी बीमारी से पीड़ित होकर मौत के काल में चले जाएंगे.

पढ़ें-भरतपुर सेंट्रल जेल में मोबाइल मिलने के प्रकरण में विभागीय जांच शुरू

ऐसे में हाथी मालिकों को रोजाना हाथियों को खाली ही आमेर महल का चक्कर लगाने दिया जाए. जिससे हाथियों की तंदुरुस्ती बनी रहे और पाचन क्रिया भी सही तरीके से चले.

ABOUT THE AUTHOR

...view details