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राजस्थान: अन्य सेवाओं से 4 अधिकारी बने आईएएस, मंत्री ममता भूपेश के पति का भी नाम शामिल

राजस्थान में अन्य सेवाओं से 4 अधिकारी आईएएस के लिए चयनित हो गए हैं. डीओपीटी के नोटिफिकेशन के अनुसार लेखा सेवा से शरद मेहरा और हेम पुष्पा शर्मा, कृषि सेवा से सीताराम जाट और चिकित्सा सेवा से डॉ. घनश्याम आईएएस बने हैं.

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राजस्थान: अन्य सेवाओं से 4 अधिकारी बने आईएएस, मंत्री ममता भूपेश के पति का भी नाम शामिल

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Published : Mar 18, 2021, 9:16 PM IST

जयपुर. लम्बे समय से चल रहे विरोध के बीच अन्य सेवा से आईएएस में चयनित चार अधिकारियों के नाम की सूची आज डीओपीटी ने जारी कर दी. डीओपीटी के नोटिफिकेशन के अनुसार लेखा सेवा से शरद मेहरा और हेम पुष्पा शर्मा, कृषि सेवा से सीताराम जाट और चिकित्सा सेवा से डॉ. घनश्याम आईएएस बने हैं. इनमें डॉ. घनश्याम राज्य में महिला एवं बाल विकास मंत्री ममता भूपेश के पति हैं. दिल्ली में यूपीएससी ने 30 और 31 दिसंबर 2020 को अन्य सेवा से आईएएस के चार रिक्त पद भरने के लिए 20 अभ्यर्थियों के इंटरव्यू लिए थे.

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जिसके बाद चयनित 4 नामों की सूची आज डीओपीटी ने जारी कर दी. डॉ. घनश्याम मंत्री ममता भूपेश के पति हैं तो हेमपुष्पा शर्मा सीएम सलाहकार डॉ. गोविंद शर्मा की बहन हैं. वहीं शरद मेहरा अभी वित्त बजट निदेशक हैं. जिन्हें पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल का करीबी माना जाता है. अन्य चयनित सीताराम जाट कृषि सेवा से हैं.

इन 20 अभ्यर्थियों का हुआ था इंटरव्यू

आईटी से अकुल भार्गव, पशुपालन विभाग से डॉ. आनंद सेजरा, अनिल अम्बेश, अरविंद कुमार जैन, चिकित्सा से डॉ. घनश्याम, जलेंद्र कुमार चारण, केसर सिंह, मदनलाल गुर्जर, डॉ. महेंद्र खड़गावत, मुकेश माहेश्वरी, ओमप्रकाश बैरवा, रामकरण आमेरिया, रशीद खान, संगीत कुमार, लेखा सेवा से शरद मेहरा व हेमपुष्पा शर्मा, कृषि से सीताराम जाट, पीडब्ल्यूडी से सुभाष आर्य, सुधीर शर्मा, टीकाराम शर्मा ने इंटरव्यू दिए.

दरअसल 2017 व 2018 में प्रक्रिया के दौरान आरएएस के बड़े वर्ग ने इसका विरोध किया था. जिसके चलते वसुंधरा सरकार के बाद गहलोत सरकार के समय भी यह पूरा मामला लंबित रहा. 30 व 31 दिसंबर 2020 को जब इंटरव्यू हुए थे तब उससे पहले भी आरएएस एसोसिएशन ने कोर्ट में याचिका दायर की थी जिसे खारिज कर दिया गया.

सांसद किरोडी लाल मीणा ने पीएमओ को भेजे पत्र में इस प्रक्रिया का विरोध किया था. वहीं दिल्ली हाईकोर्ट में जारी मामले में कोर्ट ने डीओपीटी को कहा गया था कि वह चयन की प्रक्रिया जारी रखे. हालांकि यह नियुक्ति दिल्ली हाईकोर्ट के अंतिम निर्णय के अधीन रहेंगी. गुरुवार को डीओपीटी के नोटिफिकेशन में भी इन चार अधिकारियों के चयन को दिल्ली हाईकोर्ट में अंतिम निर्णय के अधीन माना गया है.

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