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जयपुर: बीलवाड़ी घाटी में हुई 40 लाख की लूट का पर्दाफाश, 4 बदमाशों से 17 लाख बरामद - Robbery of 40 lakhs

राजधानी के बीलवाड़ी घाटी में 18 जून को हुई सेल्समैन के साथ 40 लाख रुपये की लूट के मामले में पुलिस को बड़ी सफलता हाथ लगी है. मुनीम के साथ हुई इस लूट की वारदात में उसका ड्राइवर ही मास्टरमाइंड निकला. प्रकरण में पुलिस ने 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. वहीं, उनके कब्जे से 17 लाख रुपये बरामद किए गए हैं. हालांकि, अभी भी इस मामले में 3 बदमाश फरार हैं.

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बीलवाड़ी घाटी में हुई 40 लाख की लूट का पर्दाफाश

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Published : Jun 22, 2020, 8:32 PM IST

Updated : Jun 23, 2020, 12:39 AM IST

जयपुर. राजधानी के बीलवाड़ी घाटी में 18 जून को हुई श्याम एसोसिएट के मुनीम के साथ 40 लाख की डकैती के मामले में पुलिस ने 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. जयपुर ग्रामीण एसपी शंकरदत्त शर्मा ने प्रेसवार्ता में लूट की वारदात का खुलासा करते हुए कहा कि पूरी वारदात के बाद कोटपूतली एसएसपी रामकुमार कस्वा के नेतृत्व में गठित टीम ने गहनता से जांच पड़ताल की और चार दिन में ही आरोपियों को दबोच लिया. पुलिस की जांच पड़ताल में सामने आया कि इस वारदात का मास्टरमाइंड सेल्समैन है.

40 लाख की लूट का पर्दाफाश, 4 गिरफ्तार

जिसने अपने अन्य 6 साथियों के साथ मिलकर 40 लाख रुपये की लूट की वारदात को अंजाम दिया. जिसके बाद पुलिस ने आरोपी जनक सिंह, अर्जुन सिंह, रोहित और रमेश को गिरफ्तार कर लिया. वहीं, आरोपियों के कब्जे से पुलिस ने 17 रुपये भी बरामद किए है. साथ ही वारदात में इस्तेमाल कार और मोटरसाइकिल भी पुलिस ने बरामद की हैं.

दरअसल, 18 जून को श्याम एसोसिएट के मुनीम योगेंद्र कुमार जयपुर, बांदीकुई, महवा, नगर, अलवर और थानागाजी से 40 लाख रुपये का कलेक्शन कर अपने वाहन से जयपुर के लिए रवाना हुए और उनकी गाड़ी को फर्म का ड्राइवर जनक सिंह चला रहा था. जैसे ही गाड़ी शाम को 6 बजे करीब बिलवाड़ी जंगलों में पहुंची तो पीछे से एक अल्टो कार ने ओवरटेक करके गाड़ी रुकवाई.

4 बदमाशों को पुलिस ने किया गिरफ्तार

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जिसमें से मुंह पर सफेद कपड़ा लपटे बदमाशों ने पहले डिजायर गाड़ी के शीशे तोड़े और फिर रुपयों से भरा बैग लेकर फरार हो गये. पुलिस ने जब जांच पड़ताल की तो सेल्समैन के ड्राइवर जनक सिंह की भूमिका संदिग्ध लगी. ऐसे में पुलिस ने सख्ती से पूछताछ की तो पूरे प्रकरण का खुलासा हो गया.

ड्राइवर जनक ने व्यवसायी के हेल्पर अर्जुन के साथ मिलकर सारी घटना को अंजाम दिया. घटनास्थल के निरीक्षण के प्रथम दिन से ही पुलिस को ड्राइवर पर शक था. जिसे उसके मोबाइल नंबरों की सीडीआर का विश्लेषण किया गया और पुलिस की ओर से कठोरता से पूछताछ के बाद ड्राइवर ने अपना जुर्म कबूल लिया.

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वारदात की कहानी, मास्टरमाइंड जनक सिंह की जुबानी...

आरोपी ड्राइवर जनक सिंह ने बताया कि, वो पिछले 10 सालों से व्यापारी के यहां काम कर रहा है और आरोपी अर्जुन भी व्यापारी के यहां काम करता है. दोनों शराब पीने के आदी हैं और शराब पीने के दौरान ही दोनों ने इस डकैती की साजिश रची. व्यापारी की ओर से हर एक सप्ताह के अंदर लाखों रुपये का कलेक्शन किया जाता था और कलेक्शन के दौरान वो उनके साथ रहता था. ऐसे में जनक सिंह के मन में लालच आ गया. जनकसिंह और अर्जुन ने साजिश के तहत डकैती के लिए अमन गुर्जर से संपर्क किया और उसे करोड़ों रुपये की बात बता कर डकैती के लिए राजी किया.

जिसके बाद अमन गुर्जर ने अन्य साथी रोहित जाट, कुलदीप सिंह, हेमंत राजपूत के साथ मिलकर डकैती की साजिश रची. जिसके तहत अमन गुर्जर, कुलदीप सिंह राठौड़ और उमेश राजपूत ने जयपुर से ही मोटरसाइकिल पर सवार होकर व्यापारी के कार का पीछा करना शुरू कर दिया और रोहित व कल्ली उर्फ हेमेंद्र अल्टो कार लेकर सीधे अलवर पहुंच गए.

अलवर में मोटरसाइकिल को खड़ी कर तीनों अल्टो कार में सवार हो गए और व्यापारी के कार का पीछा करना शुरू कर दिया. जिसके बाद भीलवाड़ा के जंगलों में सूनसान इलाका देखकर इन्होंने डकैती की वारदात को अंजाम दिया.

Last Updated : Jun 23, 2020, 12:39 AM IST

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