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राधा दामोदर मंदिर में 35 उपवास का कार्तिक स्नान शुरू...यश, ऐश्वर्य दिलाने वाला है यह माह

छोटी काशी के राधा दामोदर जी मंदिर में कार्तिक स्नान महीना शुरू हो गया (Radha Damodar Ji Temple in Jaipur) है. जबकि अन्य प्रमुख मंदिर गोविंद देव जी गोपीनाथजी सहित आमजन के लिए 9 अक्टूबर से कार्तिक महीने की शुरुआत होगी. कार्तिक स्नान का धार्मिक रूप से खास महत्व है. कार्तिक स्नान कर उपवास करने से यश, ऐश्वर्य, लाभ और उत्तम स्वास्थ्य प्राप्त होता है.

Radha Damodar Ji Temple in Jaipur
Radha Damodar Ji Temple in Jaipur

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Published : Oct 8, 2022, 6:50 PM IST

Updated : Oct 8, 2022, 10:56 PM IST

जयपुर.छोटी काशी के राधा दामोदर जी मंदिर में कार्तिक स्नान महीना शुरू हो (Radha Damodar Ji Temple in Jaipur) गया है. जबकि अन्य प्रमुख मंदिर गोविंद देव जी गोपीनाथजी सहित आमजन के लिए 9 अक्टूबर से कार्तिक महीने की शुरुआत होगी. जिसका समापन 8 नवम्बर को होगा. इस दौरान शहर के मंदिरों में धार्मिक अनुष्ठान होंगे. कार्तिक स्नान करने वाली महिलाएं तारों की छांव में उठकर स्नान करेंगी. वहीं मंदिरों, घरों में भगवान विष्णु और तुलसी के पौधे की पूजा अर्चना कर परिक्रमा की जाएगी. साथ ही उपवास करते हुए कार्तिक महात्म्य की कथा सुनी जाएगी.

सनातन धर्म में कार्तिक मास की बड़ी महत्ता है. वहीं राजधानी में राधा दामोदर मंदिर में 35 दिवसीय कार्तिक मास मनाया जाता है. जिसकी शुरुआत एकादशी से हो चुकी है. मंदिर महंत मलय गोस्वामी के अनुसार कार्तिक मास को दामोदर मास भी कहा जाता है. ये महीना सबसे ज्यादा पवित्र और पुण्य फल देने वाला है. कार्तिक महीना ठाकुर जी के ही निमित्त है. ये महीना एकादशी से शुरू होता है, इसमें 35 उपवास करने का नियम है. इसलिए दूसरे महीनों की तुलना में यह महीना 35 दिन का होता है.

राधा दामोदर मंदिर में 35 उपवास का कार्तिक स्नान शुरू

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उन्होंने बताया कि इस दौरान एक टाइम खाना, फलाहार करना या सिर्फ पानी पर रहकर भी (Kartik Month starts in Radha Damodar Ji Temple) उपवास किए जाते हैं. साथ ही तारों की छांव में नहाकर और सूर्योदय से पहले ठाकुर जी के दर्शन करने का भी नियम है. ठाकुर जी के समक्ष 35 उपवास के प्रतीक 35 चांदी के तारे, चांदी के ही चरण चिह्न, दातुन आदि चढ़ाने का भी नियम है.

वहीं आम धारणा के अनुसार पूर्णिमा से पूर्णिमा कार्तिक मास होने का नियम है. इस महीने में कार्तिक स्नान कर उपवास करने से यश, ऐश्वर्य, लाभ और उत्तम स्वास्थ्य प्राप्त होता है. पुराणों में वर्णित कथा के अनुसार, इसी माह में भगवान शिव के पुत्र कार्तिकेय ने तारकासुर राक्षस का वध किया था. इसलिए, इसका नाम कार्तिक पड़ा, जो विजय देने वाला है. कार्तिक माह का महात्म्य स्कंद पुराण, नारद पुराण, पद्म पुराण में भी मिलता है. इस माह में तुलसी पूजा और दीप दान का विशेष महत्व है. तुलसी भगवान विष्णु की प्रिय है. शहर के अन्य प्रमुख मंदिर गोविंद देव जी, गोपीनाथजी और आमजन के बीच शरद पूर्णिमा (9 अक्टूबर) से कार्तिक मास की शुरुआत होगी. इसी दिन आरती के बाद भगवान को रात्रि में खीर का भोग लगाया जाएगा.

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कार्तिक मास में व्रत और त्योहार : (Festivals in Kartik Month)

  • 13 अक्टूबर - करवा चौथ
  • 17 अक्टूबर - अहोई अष्टमी
  • 21 अक्टूबर - एकादशी
  • 22 अक्टूबर - धन तेरस
  • 23 अक्टूबर - रूप चतुर्दशी
  • 24 अक्टूबर - दीपावली
  • 25 अक्टूबर - अमावस्या, खंडग्रास सूर्यग्रहण
  • 26 अक्टूबर - गोवर्धन पूजा (अन्नकूट)
  • 27 अक्टूबर - भाई दूज
  • 01 नवम्बर - गोपाष्टमी
  • 02 नवम्बर - आंवला नवमी
  • 04 नवम्बर - देवउठनी एकादशी
  • 08 नवम्बर - रास पूर्णिमा और चंद्रग्रहण
Last Updated : Oct 8, 2022, 10:56 PM IST

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