जयपुर. राजधानी में सोमवार से मॉडिफाइड लॉकडाउन लागू हुआ. हालांकि सरकारी कार्यालयों में 33 फीसदी स्टाफ को बुलाने के फैसले को वापस लेने के बाद केवल हेड ऑफ डिपार्टमेंट, सेक्रेटरी और डिप्टी सेक्रेटरी स्तर के अधिकारी ही कार्यालय पहुंचे. आवासन मंडल और जेडीए कार्यालय में भी महज अधिकारी ही पहुंचे. उनका भी मुख्य द्वार पर पहले तापमान चेक किया गया और उसके बाद ही कार्यालय में प्रवेश दिया गया.
33 फीसदी स्टाफ नहीं फिलहाल अधिकारी ही पहुंचे सरकारी कार्यालय बता दें, कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सभी सरकारी कार्यालयों के लिए संयुक्त रूप से ये आदेश निकाला. उन्होंने साफ कर दिया कि एक साथ सभी दफ्तर खोलकर कर्मचारी बुलाना उचित नहीं है. ऐसे में एक तिहाई कर्मचारियों को बुलाने के बारे में बाद में सोचा जाएगा. सीएम के निर्देशों के बाद सोमवार को आवासन मंडल और जेडीए कार्यालय दोबारा खुले. हालांकि यहां सिर्फ सहायक अभियंता और इससे ऊपर के अधिकारी ही पहुंचे, जिनकी मेन गेट पर ही थर्मल गन से तापमान की जांच की गई और तापमान सामान्य पाए जाने पर ही उन्हें कार्यालय में प्रवेश दिया गया.
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इसके साथ ही प्रत्येक कार्मिक को प्रवेश के समय हैंड सैनिटाइजर की बोतल और मास्क भी निःशुल्क दिए गए. जहां एक ओर आवासन मंडल में आयुक्त ने शाखा प्रभारियों से योजनाओं का लेटेस्ट फीडबैक लिया और बोर्ड की फ्लैगशिप परियोजाओं को गति प्रदान करने के लिए एनआईटी, टेंडर जैसे कार्यों को प्राथमिकता से करने के निर्देश दिए. वहीं, जेडीए कार्यालय में जेडीसी सहित अन्य अधिकारी क्वॉरेंटाइन सेंटर की तैयारियों की समीक्षा के बाद, व्यवस्थाओं के मद्देनजर शहर के विभिन्न क्षेत्रों में बने क्वॉरेंटाइन सेंटर के लिए रवाना हो गए.
बता दें, कि जेडीए ने जयपुर शहर में 23 क्वॉरेंटाइन सेंटर्स पर 18 हजार 592 लोगों की व्यवस्था की है. वहींं, क्वॉरेंटाइन सेंटर्स की सफल मॉनिटरिंग के करीब 300 अधिकारियों और कर्मचारियों को नियुक्त किया गया है. वर्तमान में संचालित कुल 15 क्वॉरेंटाइन सेंटर्स पर 2023 से ज्यादा लोगों को क्वॉरेंटाइन किया जा रहा है और इनके भोजन की गुणवत्ता के साथ व्यवस्थाओं की प्रभावी मॉनिटरिंग के लिए दो टीमों का गठन किया गया है.