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राजस्थान यूनिवर्सिटी का 29वां दीक्षांत समारोह आयोजित

राजस्थान यूनिवर्सिटी का 29वां दीक्षांत समारोह यूनिवर्सिटी के कॉन्वोकेशन सेंटर में मनाया गया. समारोह की अध्यक्षता राज्यपाल कलराज मिश्र ने की. इस मौके पर उच्च शिक्षा मंत्री भवंर सिंह भाटी विशिष्ट अतिथि रहे.

राजस्थान यूनिवर्सिटी दीक्षांत समारोह, Rajasthan University convocation
RU दीक्षांत समारोह

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Published : Dec 19, 2019, 7:46 PM IST

Updated : Dec 19, 2019, 9:02 PM IST

जयपुर. राजस्थान यूनिवर्सिटी का 29वां दीक्षांत समारोह यूनिवर्सिटी के कॉन्वोकेशन सेंटर में मनाया गया. समारोह की अध्यक्षता राज्यपाल कलराज मिश्र ने की. इस मौके पर उच्च शिक्षा मंत्री भवंर सिंह भाटी विशिष्ट अतिथि रहे. समारोह में तीन डिलिट की उपाधि दी गई, तो वहीं 255 छात्र छात्राओं को गोल्ड मेडल और 818 पीएचडी की डिग्रियां वितरित की गईं. इस बार 3 लाख 61 हजार 483 डिग्रियां वितरित की गईं.

राजस्थान यूनिवर्सिटी का 29वां दीक्षांत समारोह आयोजित

वहीं जहां एक ओर गोल्ड मेडलिस्ट स्टूडेंट्स के चेहरे खिल उठे थे, तो वहीं दूसरी ओर गोल्ड मेडलिस्ट स्टूडेंट अनंत मिश्रा ने काली पट्टी बांधकर जामिया में स्टूडेंट्स के साथ हुए लाठीचार्ज का विरोध जताया. कड़ी सुरक्षा के बावजूद अनंत काली पट्टी बांधकर राज्यपाल के समक्ष गोल्ड मेडल लेने पहुँचा. स्टूडेंट के इस विरोध की भनक ना आरयू प्रशासन को लगी, ना ही पुलिस की स्पेशल टीम के मौजूद पुलिस कर्मियों को.

हालांकि बाद में जैसे ही उसकी भनक पुलिस को लगी, तो पुलिस ने अनंत मिश्रा को गांधीनगर थाने ले जाकर पूछताछ की और कुछ घंटे बाद छोड़ दिया. अनंत को वर्ष 2017 के एमएससी जियोलॉजी में गोल्ड मेडल मिला है. अनंत ने कहा कि पुलिस की ओर से जामिया में स्टूडेंट्स पर लाठीचार्ज करना गलत है. उन्होंने एक विशेष समुदाय को खतरे में भी बताया.

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वहीं एमएससी फिजिक्स विभाग की स्टूडेंट मीनल पारीक का तीन बार गोल्ड मेडल की लिस्ट में नाम आया. लेकिन फिर भी मंच पर गोल्ड मेडल के लिए नहीं बुलाया गया. गोल्ड मेडल की आस में अपनी माँ के साथ आई मीनल ने कहा कि लिस्ट में नाम होने के बावजूद गोल्ड मेडल नहीं दिया गया. यहां पर सम्मान की जगह अपमान किया गया है. वहीं विभाग भी कोई उचित जवाब नहीं दे रहा है. आरयू के दीक्षांत समारोह में आधी से ज्यादा सीटें खाली पड़ी थीं. वहीं शिक्षक भी नदारद रहे.

उधर, राज्यपाल कलराज मिश्र ने समारोह में मौलिक अधिकारों और कर्तव्यों को भी पढ़ा. राज्यपाल ने अपने सम्बोधन में कहा कि दीक्षांत समारोह शिक्षांत नहीं होता है, यानी दीक्षांत शिक्षा का अंत नहीं है. उन्होंने कहा कि पढ़ाई की कोई उम्र नहीं होती है. साथ ही राज्यपाल ने इस बात पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि वे जितनी भी यूनिवर्सिटी में गए हैं, वहां पर गोल्ड मेडल हासिल करने वालों में ज्यादातर गर्ल्स है. उन्होंने कहा कि एक लड़की आगे बढ़ती है, तो परिवार भी आगे बढ़ता है. साथ ही यूनिवर्सिटी में रिसर्च की गुणवत्ता पर भी राज्यपाल ने जोर दिया है.

Last Updated : Dec 19, 2019, 9:02 PM IST

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