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हरिद्वार कुंभ मेले को पॉलीथिन मुक्त बनाने के लिए जयपुर से भेजे जाएंगे 25 हजार रीयूज थैले, जानें महत्व!

जयपुर के सिटी पैलेस में शनिवार को 'हाथ में रखो थैला, ना करो देश को मैला' अभियान का आगाज किया गया. इस अभियान के तहत जयपुर प्रान्त के विभिन्न जिलों से कपड़े के थैले एकत्रित करके सीधे हरिद्वार भेजे जा रहे है. ये थैले कुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं को निशुल्क वितरित किए जाएंगे.

हरिद्वार कुंभ बनेगा पॉलीथिन मुक्त, Haridwar Kumbh will become polythene free
हरिद्वार कुंभ में जयपुर से जाएगा रीयूज थैला

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Published : Mar 6, 2021, 8:49 PM IST

जयपुर.पर्यावरण संरक्षण वर्तमान समय में महत्वपूर्ण मुद्दा बन चुका है. इस संदर्भ में पर्यावरण गतिविधि उल्लेखनीय कार्य कर रही है. जहां हरिद्वार में होने वाले कुंभ के लिए पर्यावरण गतिविधि के नारी शक्ति कार्य विभाग की ओर से कपड़े के थैलों का एकत्रीकरण करके समाज जागरण की दिशा में विशेष कार्य किया गया है.

हरिद्वार कुंभ में जयपुर से जाएगा रीयूज थैला

जयपुर के सिटी पैलेस में सांसद दीया कुमारी, पर्यावरण गतिविधि नारी शक्ति कार्य विभाग की प्रमुख डॉ. रीता भार्गव, प्रान्त संयोजक अशोक शर्मा और प्रांत प्रचार प्रमुख विवेकानंद शर्मा ने 'हाथ में रखो थैला, ना करो देश को मैला' अभियान का आगाज किया. इस अभियान के तहत जयपुर प्रान्त के विभिन्न जिलों से भी कपड़े के थैले एकत्रित करके सीधे हरिद्वार भेजे जा रहे है. ये थैले कुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं को निशुल्क वितरित किए जाएंगे.

वहीं प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए सांसद दीया कुमारी ने कहा कि, पर्यावरण संरक्षण के लिए जन-जन की भागीदारी आवश्यक है. जन-जन और घर-घर की भागीदारी से पर्यावरण की स्थिति बदलेगी और सुखद परिणाम आएंगे. वहीं प्रान्त संयोजक अशोक शर्मा ने कहा कि, हरिद्वार में होने वाले कुंभ को पॉलीथिन मुक्त और पर्यावरण युक्त कुंभ बनाने के लिए पर्यावरण गतिविधि जुटी हुई है. गतिविधि की ओर से जल संरक्षण, पोधोरोपण, रसोई की बगिया और पॉलीथिन मुक्ति के कार्यक्रम किए जा रहे है.

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बता दे कि, कुंभ मेले के लिए जयपुर से 25 हजार से अधिक कपड़े के थैले कुंभ भेजे जाएंगे. इसके लिए शहर की विभिन्न कॉलोनियों से कपड़े के थैले एकत्रित किए गए है. इस दिशा में महिलाओं को जागरूक करके इस अभियान के साथ उन्हें जोड़ा गया है और सामान्यतया जो कपड़े फेंक दिए जाते है, उन्हें रीयूज करके कपड़े के थैलों का निर्माण किया गया है.

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