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भरतपुर के 25 फीसदी बच्चे और 27 फीसदी गर्भवती टीकाकरण से महरूम, अब सघन इंद्रधनुष अभियान से लक्ष्य प्राप्ति की कोशिश

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Published : Mar 10, 2022, 5:41 PM IST

विभिन्न बीमारियों से सुरक्षा प्रदान करने के लिए बच्चों और गर्भवती महिलाओं को राज्य सरकार की ओर से समय-समय पर टीकाकरण (Vaccination in Bharatpur) कराया जाता है. लेकिन जिले के हजारों बच्चे और गर्भवतियों को समय पर टीका नहीं लग पा रहे हैं. देखिए ये रिपोर्ट...

Vaccination in Bharatpur
इंद्रधनुष अभियान से लक्ष्य प्राप्ति की कोशिश

भरतपुर. विभिन्न बीमारियों से सुरक्षा प्रदान करने के लिए बच्चों और गर्भवती महिलाओं को राज्य सरकार की ओर से समय-समय पर टीकाकरण (Vaccination in Bharatpur) कराया जाता है. लेकिन जिले के हजारों बच्चे और गर्भवतियों को समय पर टीका नहीं लग पा रहे हैं. स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों की मानें तो 31 जनवरी 2022 तक जिले के 50 हजार से अधिक बच्चे और 17 हजार से अधिक गर्भवती महिलाएं टीकाकरण से महरूम हैं. चिकित्सा विभाग समय पर टीकाकरण (Vaccination Target in Bharatpur) का लक्ष्य पूरा नहीं कर पाया. ऐसे में अब सघन इंद्रधनुष मिशन के तहत इस लक्ष्य को पूरा करने का प्रयास किया जा रहा है.

50 हजार बच्चे और 17 हजार गर्भवती छूटी: चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2021- 22 में जिले के 2,67,932 बच्चों और 77,096 गर्भवतियों के टीकाकरण का लक्ष्य प्राप्त हुआ. 31 जनवरी 2022 तक जिले के 2,23,276 बच्चों और 64,247 गर्भवतियों को टीकाकरण होना था. लेकिन उक्त अवधि तक जिले के 1,72,702 बच्चों और 47,050 गर्भवतियों को टीकाकरण हो पाया. जबकि 50,569 बच्चों और 17,197 गर्भवती टीकाकरण से महरूम रह गए.

इंद्रधनुष अभियान से लक्ष्य प्राप्ति की कोशिश

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अभियान के तहत टीकाकरण: मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. लक्ष्मण सिंह ने बताया कि टीकाकरण से छूटे बच्चे और गर्भवतियों का टीकाकरण कराने के लिए सघन इंद्रधनुष अभियान चलाया जा रहा है. आगामी 3 महीनों के दौरान उन सभी बच्चों और गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण कराने का प्रयास किया जाएगा, जो टीकाकरण से छूट गए हैं.

टीकाकरण की स्थिति

टीका जनवरी 2022 लक्ष्य उपलब्धि
बीसीजी 55,819 40,988
पोलियो 55,819 42,251
पेंटावेलेंट 55,819 42,271
मीजल्स 55,819 47,197
टीटी (गर्भवती) 64,247 47,050

गौरतलब है कि बच्चों और गर्भवतियों के नियमित टीकाकरण से हर साल भारत में लाखों बच्चों की जान बचा पाना संभव हो सका है. साथ ही नियमित टीकाकरण की वजह से 5 साल से कम उम्र के बच्चों की मृत्यु दर में भी काफी कमी आई है. लेकिन सरकार के तमाम जागरूकता कार्यक्रमों के बावजूद अभी भी लोगों में बच्चों के टीकाकरण से होने वाले फायदों की जानकारी का अभाव है. यही वजह है कि लोग अपने बच्चों और गर्भवती महिलाओं को समय पर पूरे टीके नहीं लगवा पा रहे.

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