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जयपुर में संचालित होंगे 21 इंग्लिश मीडियम स्कूल, अब तक किताबों का नहीं हुआ वितरण - राजस्थान की खबर

जयपुर में इस सत्र में 21 इंग्लिश मीडियम स्कूल संचालित होंगे. इन स्कूलों में फिलहाल प्रवेश प्रक्रिया का दौर जारी है, लेकिन अब तक इंफ्रास्ट्रक्चर तो दूर की बात है, किताबें तक उन स्कूलों तक नहीं पहुंच पाई हैं. फिलहाल कोरोना के चलते स्कूल-कॉलेज समेत सभी शिक्षण संस्थान 31 अगस्त तक बंद है. लेकिन यदि कोरोना का संक्रमण नहीं फैला होता, तो इंग्लिश मीडियम स्कूल पाठ्यक्रम को लेकर पिछड़ गए होते.

स्कूलों में नहीं पहुंची किताबें, No distribution of books
स्कूलों में नहीं पहुंची अबतक किताबें

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Published : Aug 7, 2020, 4:23 PM IST

जयपुर. प्रदेश में शिक्षण संस्थान कब खुलेंगे, कक्षाएं कब से शुरू होंगी, ये अभी कहा नहीं जा सकता, लेकिन प्रदेश में इस बार खोले गए महात्मा गांधी राजकीय अंग्रेजी माध्यम विद्यालय में प्रवेश के लिए छात्रों में काफी उत्साह नजर आ रहा है.

10 अगस्त तक प्रवेश प्रक्रिया चलनी है, इससे पहले ही कई स्कूलों में सीट से अधिक आवेदन प्राप्त हो चुके हैं. जयपुर में 21 स्कूलों में प्रवेश के लिए साढ़े तीन हजार आवेदन प्राप्त हो चुके हैं. इन स्कूलों में पढ़ने के लिए छात्र जितने उत्साहित हैं, उतना उत्साहित शायद प्रशासन नहीं हैं. यही वजह है कि अब तक इन स्कूलों का ना तो इंफ्रास्ट्रक्चर पूरा हो पाया है, और ना ही यहां किताबें पहुंच पाई हैं.

स्कूलों में नहीं पहुंची अबतक किताबें

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राजस्थान पाठ्य पुस्तक मंडल के माध्यम से किताब वितरण का पहला चरण जून के महीने में पूरा हो चुका है. जिसके तहत जयपुर जिले के सभी 52 नोडल केंद्र के अधीन आने वाले पीओ विद्यालयों तक किताबे पहुंच चुकी हैं, लेकिन यह किताबें महज हिंदी मीडियम स्कूलों की है.

इस संबंध में मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी रतन यादव ने बताया कि जयपुर के गांधी सर्किल स्थित पोद्दार स्कूल और मानसरोवर स्थित महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम स्कूल के साथ ब्लॉक स्तर पर 19 नए इंग्लिश मीडियम स्कूल खोले गए हैं. पहले चरण में इन विद्यालयों तक किताबें नहीं पहुंची. उन्होंने बताया कि फिलहाल दूसरा चरण चल रहा है. इंग्लिश मीडियम की बुक छपने का काम पूरा हो चुका है, वितरण होना बाकी है.

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बहरहाल, सरकारी इंग्लिश मीडियम स्कूल शुरू होने के बाद प्रदेश के अभिभावकों को निजी स्कूलों की मनमानी फीस से राहत मिलने की उम्मीद है, लेकिन प्रशासन के लिए जरूरी है कि इन स्कूलों में जल्द से जल्द इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलप कर, यहां किताबें पहुंचाई जाए. जिससे स्कूल खुलने के साथ ही छात्र दोबारा अपनी पढ़ाई पर फोकस कर सकें.

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