आज से 20 साल पहले कारगिल की पहाड़ियों पर भारत और पाकिस्तान के बीच जंग की शुरूआत तब हुई जब पाकिस्तानी सैनिकों ने कारगिल की ऊंची पहाड़ियों पर घुसपैठ कर ली थी. इस युद्ध पर जीत हासित करने के लिए इसे आॉपरेशन विजय नाम दिया गया था. पेश है कारगिल युद्ध की बीसवीं बरसी पर जंग की पूरी कहानी.
- 3 मई 1999: भारी संख्या में पाकिस्तानी सेना कारगिल में घुसपैठ कर कर चुकी थी. इसकी सूचना एक चरवाहे ने भारतीय सेना को दी थी.
- 5 मई 1999: भारतीय सेना की पेट्रोलिंग टीम जानकारी लेने कारगिल पहुंची तो पाकिस्तानी सेना ने उन्हें पकड़ लिया और उनमें से 5 की हत्या कर दी.
- 10 मई 1999: पहली बार लदाख का प्रवेश द्वार यानी द्रास, काकसार और मुश्कोह सेक्टर में पाकिस्तानी घुसपैठियों को देखा गया था.
- 26 मई 1999: भारतीय वायुसेना को भारत सरकार ने कार्यवाही के लिए आदेश दिया गया.
एक जून 1999 को एनएच- 1A पर पकिस्तान द्वारा भरी गोलाबारी की गई. 5 जून को पाकिस्तानी रेंजर्स से मिले कागजातों को भारतीय सेना ने अखबारों के लिए जरी किया, जिसमें पाकिस्तानी रेंजर्स के मौजूद होने का जिक्र था. 6 जून को भारतीय सेना ने पाक घुसपैठियों पर जवाबी कार्यवाही शुरू कर दी.
- 9 जून 1999 : बाल्टिक क्षेत्र की 2 अग्रिम चौकियों पर भारतीय सेना ने फिर से कब्जा जमा लिया.
- 11 जून 1999: भारत ने जनरल परवेज मुशर्रफ और आर्मी चीफ लेफ्टीनेंट जनरल अजीज खान से बातचीत का रिकॉर्डिंग जारी कर दिया.
- इस रिकॉर्डिंग में घुसपैंठ में पाक आर्मी का हाथ होने का जिक्र किया गया था.
- 13 जून 1999: भारतीय सेना ने द्रास सेक्टर में तोलिंग पर कब्जा कर लिया.