जयपुर.हाथी गांव के 20 हाथियों पर हाथी सवारी बैन कर दी गई है. स्वास्थ्य मामलों की वजह से हाथियों को सफारी से भी हटाने के आदेश दिए गए हैं. वन विभाग ने पुरातत्व और संग्रहालय विभाग को आदेश दिए हैं. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद एक कमेटी ने हाथियों का हेल्थ चेकअप किया था, जिसके बाद 20 हाथी अनफिट पाए गए.
वन पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की ओर से प्रोजेक्ट एलीफेंट के तहत गठित कमेटी की ओर से दिए गए सुझावों और पीपल फॉर द एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनिमल्स इंडिया की ओर से कमेटी रिपोर्ट को लागू करने के अनुरोध के बाद राजस्थान वन विभाग ने पुरातत्व संग्रहालय विभाग को आमेर किले पर पर्यटन सवारी के लिए इस्तेमाल हो रहे 20 बीमार हाथियों को काम से हटाने का आदेश दिया है.
आदेश के मुताबिक 20 अस्वस्थ, बूढ़े और कुपोषित हाथियों में से तीन टीबी की बीमारी से ग्रसित है. कई अन्य दृष्टि रोग और पैरों के गंभीर रोगों से पीड़ित बताए गए हैं. पीपल फॉर द एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनिमल्स की चीफ एडवोकेसी ऑफिसर खुशबू गुप्ता के मुताबिक राजस्थान सरकार के शुक्रगुजार है, जिन्होंने विशेषज्ञ कमेटी की सिफारिश पर गौर करते हुए कुछ उम्र दराज और बीमार हाथियों को तत्काल सफारी के प्रयोग नही लिए जाने का आदेश दिया है.
उम्मीद की जा रही है सरकार कमेटी के अन्य सभी सुझावों का पालन करते हुए पर्यटकों को शाही सवारी के अनुभव का अवसर प्रदान करेगी. जिससे हाथियों को भी आराम मिलेगा और उन्हें जबरन सवारी कराने के लिए मजबूर नहीं किया जाएगा. कमेटी की ओर से प्रकाशित रिपोर्ट में कहा गया था कि निरीक्षण किए गए 98 हाथियों में से 22 हाथी दृष्टि रोग से ग्रसित है और 42 हाथी पैरों के गंभीर रोग से पीड़ित हैं. जिनमें बड़े हुए नाखून, कटे फटे तलवे और पथरीली सड़कों पर चलने के कारण पैरों में बन चुके जख्म शामिल है. इनमें से 29 हाथियों की उम्र 50 वर्ष से अधिक थी जो वहां के हाथियों की औसतन उम्र जितनी है.