जयपुर.पहले राज्यसभा चुनाव में सीट बचाने के लिए और अब प्रदेश में सियासी संकट को टालने के लिए कांग्रेस को अपने विधायकों की बाड़ाबंदी करनी पड़ रही है. मुख्यमंत्री गहलोत के समर्थन में विधायक दल की बैठक में हिस्सा लेने वाले सभी विधायकों को एक पांच सितारा होटल में ठहराया गया है, लेकिन चर्चा उन विधायकों की ज्यादा है जो गहलोत के कैंप से दूर हैं और कहीं ना कहीं सरकार के लिए परेशानी का सबब बन गए हैं. साथ ही होटल में कैद सरकार को अपने तीनों संगठनों से नाराजगी का सामना करना पड़ रहा है.
ये हैं उन 19 विधायक के नाम जो सरकार के कैंप में नहीं हैं मौजूद-
1. सचिन पायलट
2. मुरारी लाल मीणा
3. जीआर खटाना
4. इंद्राज गुर्जर
5. गजेंद्र सिंह शक्तावत
6. हरीश मीणा
7. दीपेंद्र सिंह शेखावत
8. भंवर लाल शर्मा
9. गजराज खटाना
10. बृजेंद्र ओला
11. हेमाराम चौधरी
12. पी आर मीणा
13. रमेश मीणा
14. विश्वेंद्र सिंह
15. मुकेश भाकर
16. सुरेश मोदी
17. अमर सिंह जाटव
18. वेद सोलंकी
19. राकेश पारीक
संगठन के तीन अध्यक्ष भी सरकार से नाराज
राजस्थान में चल रही राजनीतिक उठापटक में एक बात और भी अहम है, वो ये कि कांग्रेस संगठन के तीन हिस्से ही अपनी सरकार से दूर हैं. एक राजस्थान कांग्रेस के अध्यक्ष सचिन पायलट, दूसरे राजस्थान युवा कांग्रेस के अध्यक्ष मुकेश भाकर और तीसरे राजस्थान सेवादल कांग्रेस के अध्यक्ष राकेश पारीक. मुकेश भाकर का तो ट्वीट भी चर्चा में हैं. भाकर ने अपने ट्वीट में कहा है कि 'राजस्थान कांग्रेस मे निष्ठा का मतलब है, गहलोत की गुलामी.'
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तीन निर्दलीय विधायक भी कैंप से दूर
इस पूरे मामले में जहां 19 विधायक कांग्रेस के अपनी ही सरकार की बाड़ाबंदी से दूर हैं तो वहीं दूसरी ओर तीन निर्दलीय विधायक भी अब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ नजर नहीं आ रहे. इनमें निर्दलीय विधायक सुरेश टांक, खुशवीर सिंह जोजावर और ओमप्रकाश हुडला शामिल हैं. जिस तरीके से इन तीनों विधायकों के खिलाफ एसीबी के केस दर्ज हुए हैं, वह अब कांग्रेस को वोट करेंगे, ऐसा संभव नहीं लगता. वहीं भारतीय ट्राइबल पार्टी ने भी व्हिप जारी करते हुए अपने दोनों विधायकों को फ्लोर टेस्ट से तटस्थ रहने को कहा है.