जयपुर.प्रदेश में शनिवार को कोरोना के 17,652 नए मामले सामने आए. शनिवार को 160 मरीजों की मौत दर्ज की गई है. वहीं, अब तक प्रदेश में कुल 4399 मरीजों की मौत हो चुकी है. इसके अलावा प्रदेश में कुल संक्रमित मरीजों का आंकड़ा बढ़कर 6,15,653 पर पहुंच गया है. शनिवार को राजधानी जयपुर और जोधपुर जिलों से मौत के सबसे अधिक मामले देखने को मिले हैं. वहीं, प्रदेश में एक्टिव केस की संख्या बढ़कर 1,82,301 पर पहुंच गई है. हालांकि, शनिवार को 11,676 मरीज रिकवर्ड हुए हैं जिन्हें अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया है.
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चिकित्सा विभाग से मिली जानकारी के अनुसार शनिवार को अजमेर से 510, अलवर से 1060, बांसवाड़ा से 349, बारां से 388, बाड़मेर से 168, भरतपुर से 132, भीलवाड़ा से 535, बीकानेर से 924, बूंदी से 99, चित्तौड़गढ़ से 415, चूरू से 275, दौसा से 316, डूंगरपुर से 248, धौलपुर से 223, गंगानगर से 704, हनुमानगढ़ से 708 और जयपुर से 3441 नए मामले सामने आए.
इसी तरह जैसलमेर से 235, जालोर से 257, झालावाड़ से 312, झुंझुनू से 122, जोधपुर से 1818, करौली से 145, कोटा से 711, नागौर से 155, पाली से 902, प्रतापगढ़ से 138, राजसमंद से 285, सवाई माधोपुर से 157, सीकर से 875, सिरोही से 214, टोंक से 146 और उदयपुर से 1192 संक्रमण के मामले देखने को मिले हैं.
जयपुर में सर्वाधिक मौत
बता दें कि शनिवार को प्रदेश में कोविड-19 संक्रमण से 160 मरीजों ने दम तोड़ा और सबसे अधिक 54 मरीजों की मौत जयपुर से दर्ज की गई है. इसके अलावा जोधपुर से 34 उदयपुर से 10 और कोटा से 8 मरीजों की सबसे अधिक मौत दर्ज हुई है. इसके अलावा अलवर से 5, अजमेर से 5 मरीजों की मौत इस बीमारी के चलते हुई.
वहीं, बांसवाड़ा, बारां बाड़मेर, भरतपुर, चित्तौड़गढ़, गंगानगर, झुंझुनू, नागौर, प्रतापगढ़, राजसमंद, सवाई माधोपुर और टोंक से 1-1 मरीजों की मौत दर्ज की गई है. इसके अलावा दौसा, धौलपुर, जालोर, झालावाड़, करौली, पाली और सिरोही से 2-2 मरीजों की मौत देखने को मिली है. वहीं, भीलवाड़ा, बीकानेर, डूंगरपुर से 3-3 और कोटा से 8 और सीकर से 9 मरीजों की मौत दर्ज की गई है.
कालवाड़ में कोरोना मरीज की मौत
कालवाड़ के एक अस्पताल में भर्ती कोरोना मरीज की मौत का मामला सामने आया है. बता दें करीब तीन पहले ही ऑक्सीजन की कमी के कारण 4 मरीजों की मौत हुई थी. वहीं, शनिवार को फिर दो मरीजों की आक्सीजन से मौत हुई हैं. परिजनों ने आरोप लगाया कि 6 दिन पहले पीड़ित को भर्ती कराया था. परिजनों ने अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया है.