जयपुर.लॉकडाउन के चलते प्रदेश में फंसे श्रमिकों और कामगारों को भेजने और दूसरे प्रदेशों में फंसे प्रवासी राजस्थानियों की घर वापसी के लिए, जो ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन चल रहा है. उसमें अब तक 16 लाख 92 हजार 2 लोगों के रजिस्ट्रेशन प्रदेश सरकार को मिले हैं. इनमें प्रदेश से बाहर जाने वाले 7 लाख 14 हजार 877 और प्रदेश में आने वाले 9 लाख 77 हजार 125 लोग शामिल हैं. इस तरह से प्रदेश से बाहर जाने वालों के रजिस्ट्रेशन 42.25 फीसदी तो प्रदेश में आने वालों के रजिस्ट्रेशन 57.75 फीसदी हैं.
पढ़ें-फंसे हुए श्रमिकों के अलावा अन्य प्रवासी धैर्य रखें : CM गहलोत
जानें राज्यवार स्थिति
ट्रेन से राज्य के बाहर जाने वाले श्रमिक और छात्र
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के निर्देश पर प्रवासी श्रमिकों और छात्रों के लिए ट्रेनों का संचालन किया जा रहा है. जिसमें अब तक आठ ट्रेन कोटा से 8762 विद्यार्थियों को लेकर गई है. जिनमें 6864 बिहार के और 1898 झारखंड के छात्र थे.
- नागौर में फंसे 1187 श्रमिकों को जयपुर से पटना भेजा गया.
- अजमेर के फंसे 1186 जरीनों डाकूनी, पश्चिम बंगाल भेजा गया.
- 1150 श्रमिकों को जयपुर से कटिहार, बिहार के भेजा गया.
- 1234 विद्यार्थियों को कोटा से बिहार भेजा गया.
- 1150 श्रमिकों को जयपुर से बिहार भेजा गया.
- कोटा से बिहार, उदयपुर से मुजफ्फरपुर और आबू रोड से विशाखापट्टनम के लिए रवाना हुई ट्रेनें.
'घर वापसी' के सरकार को मिले करीब 17 लाख ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन
ट्रेन जो प्रवासियों को लेकर प्रदेश आई
एक ट्रेन धनाऊ महाराष्ट्र से जयपुर आई है, जिसमें 1207 श्रमिक थे. वहीं, एक ट्रेन थाने महाराष्ट्र से जयपुर आई, जिसमें 1194 श्रमिक थे. इसी तरह बेंगलुरू कर्नाटका से बुधवार सुबह एक ट्रेन पहुंची है, जिसमें करीब 1200 यात्री हैं.
पढ़ें-SPECIAL: श्रमिकों के लिए ट्रेन पर हो रही 'राजनीति' के बीच कोटा से चली 9 स्पेशल ट्रेनें, बच्चों से नहीं लिया गया किराया
बसों के जरिए आने-जाने वाले प्रवासी और श्रमिक
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के निर्देश पर राज्य सरकार ने श्रमिकों के परिवहन के लिए निशुल्क बसों की व्यवस्था की है. जिसके तहत अब तक 80 हजार लोगों के परिवहन की निशुल्क व्यवस्था की जा चुकी है. यह व्यवस्था राहत शिविरों में रह रहे करीब 25 हजार श्रमिकों को राज्यों के बॉर्डर और लगभग 55 हजार लोगों को राजस्थान के सीमावर्ती जिलों से राजस्थान के विभिन्न जिलों में भिजवाने के लिए की गई है. राजस्थान से अब तक 64597 श्रमिकों और प्रवासियों को विभिन्न राज्यों में भिजवाए जा चुका है. जबकि दूसरे राज्यों से प्रदेश में अब तक 172009 श्रमिकों को वापस लाया जा चुका है.
बसों से राज्यवार श्रमिकों कामगारों के लाने और ले जाने की स्थिति
- गुजरात के विभिन्न जिलों से 147331 प्रवासी श्रमिक राजस्थान आ चुके हैं, तो वहीं राजस्थान से अब तक 3117 श्रमिकों को गुजरात भेजा जा चुका है.
- मध्यप्रदेश- राजस्थान के विभिन्न जिलों से करीब 30858 श्रमिकों को मध्यप्रदेश भिजवाया जा चुका है और मध्य प्रदेश से लगभग 6595 प्रवासी श्रमिक और निवासियों को राजस्थान लाया जा चुका है.
- पंजाब के लगभग 6596 श्रमिकों और प्रवासियों को पंजाब भिजवाया जा चुका है. जबकि पंजाब से 757 लोगों को राजस्थान लाया जा चुका है.
- हरियाणा के 3848 श्रमिकों और प्रवासियों को वापस भेजा जा चुका है. जबकि हरियाणा से अब तक प्रदेश में 1870 लोगों को वापस लाया गया है.
- उत्तर प्रदेश में अब तक 14101 श्रमिकों को भेजा जा चुका है. वहीं, उत्तर प्रदेश से 1336 श्रमिक राजस्थान में लाए जा चुके हैं.
- उत्तराखंड में अब तक 960 श्रमिकों और प्रवासियों को भेजा जा चुका है. वहीं, 876 प्रवासी श्रमिकों को राजस्थान लाया जा चुका है.
- पश्चिम बंगाल के 332 श्रमिकों और प्रवासियों को भिजवाया जा चुका है. साथ ही पश्चिम बंगाल से 277 श्रमिकों और प्रवासियों को वापस लाया जा चुका है.
- बिहार के 2652 श्रमिकों और प्रवासियों को भिजवाया जा चुका है. जबकि बिहार से 192 श्रमिक और प्रवासी राजस्थान आ चुके हैं.
- महाराष्ट्र से 5 मई को 17 बसें लगभग 500 प्रवासी श्रमिकों को लेकर राजस्थान के विभिन्न जिलों के लिए रवाना हो चुकी है. महाराष्ट्र से अब तक राजस्थान में 8352 लोगों को लाया जा चुका है. वहीं, 326 लोग राजस्थान से महाराष्ट्र भेजे गए हैं.
- उड़ीसा से 380 प्रवासी श्रमिक राजस्थान के लिए रवाना हो चुके हैं. वहीं, अब तक 99 लोग राजस्थान पहुंच भी चुके हैं.
- कोटा में पढ़ रहे विभिन्न राज्यों के विद्यार्थियों को विशेष बसों और ट्रेनों के जरिए उनके राज्यों में भिजवाए जाने की व्यवस्था की गई है. अब तक बसों और ट्रेनों से 36961 विद्यार्थियों को भिजवाया जा चुका है. उनमें से 28239 विद्यार्थियों को बसों से और 8722 विद्यार्थियों को विशेष ट्रेनों से उनके राज्यों में भिजवाया गया है.
- राज्य सरकार की ओर से अजमेर में फंसे विभिन्न राज्यों के जायरीनों को भी उनके राज्यों तक पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है. अब तक 3065 जायरीन को भेजा जा चुका है. जबकि अजमेर में 1090 जायरीन अभी दूसरे राज्यों के बचे हुए हैं.