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जयपुर की 16 तहसीलें इसी महीने हो जाएंगी डिजिटल

जयपुर जिले की जनता के लिए एक राहत भरी खबर है. जिले की सभी 16 तहसीलें इसी महीने से डिजिटल हो जाएगी और लोगों को डिजिटल हस्ताक्षर से ऑनलाइन जमाबंदी और नक्शा नकल आसानी से उपलब्ध हो सकेंगे. यह जानकारी जिला कलेक्टर जगरूप सिंह यादव ने दी है. उन्होंने बताया कि जिले ने राजस्व रिकॉर्ड मामले में 4 माह में उल्लेखनीय कार्य करते हुए 33वीं रैंकिंग हासिल की है.

जयपुर न्यूज, jaipur news

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Published : Nov 11, 2019, 11:49 PM IST

जयपुर. जिले की सभी 16 तहसीलें इसी महीने से डिजिटल हो जाएगी और लोगों को डिजिटल हस्ताक्षर से ऑनलाइन जमाबंदी और नक्शा नकल आसानी से उपलब्ध हो सकेंगे. जिला कलक्टर जगरूप सिंह यादव ने बताया कि जयपुर जिले ने राजस्व रिकॉर्ड जमाबंदी एवं राजस्व नक्शों को कम्प्यूटराइज्ड करने के मामले में पिछले 4 माह में उल्लेखनीय कार्य करते हुए 33वीं रैंकिंग हासिल की है, यह रैंक राज्य स्तर पर 4 रेंक हासिल की है.

जयपुर जिले की सभी 16 तहसीलें इसी माह हो जाएंगी डिजिटल

जहां जिले में अप्रेल 2018 तक केवल चौमूं तहसील ही ऑनलाइन थी, लेकिन आज जिले की कुल 16 तहसीलों में से 11 ऑनलाइन हो चुकी है. जयपुर, जमवारामगढ एवं बस्सी को इसी सप्ताह ऑनलाइन करवा लिया जाएगा एवं शेष दो तहसीलें भी इसी माह ऑनलाइन हो जाएगी. इस प्रकार नवंबर में ही जयपुर जिले की सभी तहसीलें ऑनलाइन अधिसूचित हो जाएगी.

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जिला कलक्टर यादव ने बताया कि इस माह के बाद सम्पूर्ण जयपुर जिले के किसानों को राजस्व रिकॉर्ड जमाबंदी एवं भू नक्शा डिजिटल रूप से हस्ताक्षरित होकर उपलब्ध हो सकेगा. इससे उन्हें बार-बार पटवार मंडल ऑफिस जाने की जरूरत नहीं रहेगी. ऑनलाइन म्यूटेशन, जमाबंदी एवं नक्शा नकल मय डिजिटल हस्ताक्षर प्राप्त होने के कारण किसानों के समय की बचत होगी एवं तंत्र अधिक पारदर्शी बनेगा।, साथ ही पुराना रिकॉर्ड स्कैन होकर डिजीटल रूप से संधारित किया जाएगा.

अतिरिक्त जिला कलक्टर चतुर्थ अशोक कुमार ने बताया कि राजस्व नक्शों, जमाबंदियों एवं रिकॉर्ड के डिजिटालाइजेशन का यह कार्य भारत सरकार की महत्वपूर्ण योजना डिजिटल इंडिया लैण्ड रिकॉर्ड मॉर्डनाइजेशन प्रोग्राम (डीआईएलआरएमपी) के अन्तर्गत किया जा रहा है.

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इसका उधेश्य एक आधुनिक, व्यापक और पारदर्शी भूमि अभिलेख प्रबन्धन प्रणाली विकसित करना है. जिसके तहत राजस्व रिकॉर्ड जमाबंदी एवं राजस्व नक्शों की नवीनतम कम्प्यूटराइज्ड प्रति प्राप्त की जा सकेगी. इस योजना द्वारा पुराना रिकॉर्ड व्यवस्थित होकर डिजिटल रूप में सॉफ्ट डाटा में परिवर्तित हो सकेगा. जिससे, उसका संधारण आसान होगा तथा आवश्यकतानुसार इसे ऑनलाइन प्राप्त किया जा सकेगा. जिससे किसानों की भूमि सम्बन्धी जटिल समस्याओं का निराकरण सुचारू रूप से हो सकेगा.

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