जयपुर.राजधानी के एमएनआईटी में रविवार को 14वां दीक्षांत समारोह का आयोजन किया गया. जिसमें राज्यपाल कलराज मिश्र और केंद्रीय रेल राज्यमंत्री सुरेश अंगड़ी ने 35 छात्रों को स्वर्ण पदक, जबकि 1217 छात्रों को डिग्रियां बांटी गई. इस दौरान मिश्र ने प्रतिभा का पलायन नहीं होने और युवाओं की ओर से देश को विकासशील से विकसित देश में बदलने की बात कही.
एमएनआईटी का 14वां दीक्षांत समारोह साथ ही गोल्ड मेडलिस्ट छात्रों में छात्राओं की संख्या ज्यादा होने पर कलराज मिश्र ने इसे 'महिला सशक्तिकरण' और 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' का उदाहरण बताया. वहीं सुरेश अंगड़ी ने मंच से युवाओं के हित में किए गए केंद्र सरकार के कामों को गिनाया. एमएनआईटी के 14वें दीक्षांत समारोह के कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि पिछली कुछ शताब्दियों में वैश्विक स्तर पर ज्ञान के स्वरूप के मूल मंत्रों में बदलाव हुए हैं. जिनकी वजह से समस्त विकास का मापदंड प्रौद्योगिकी और भौतिक संपदा को ही मान लिया गया है.
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उन्होंने कहा कि तीसरा दशक अभी शुरू हुआ है, जो कि चुनौतियों से भरा है. इस दौरान राष्ट्र के विकास में गति लाने के लिए डिजिटल इंडिया, मेक इन इंडिया, स्किल इंडिया जैसे कार्यक्रम शुरू किए गए हैं. मिश्र ने इस दौरान देश के विकास के लिये युवाओं का आह्वान करते हुए कहा कि छात्र डिग्री और उपाधि लेकर नौकरियों के लिए विकसित देशों का रुख करते हैं, जो कि स्वाभाविक भी है. लेकिन युवाओं को इस दौरान ये ध्यान रखना चाहिए कि राष्ट्र और समाज ने आप पर जो आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक निवेश किया है, उसको ब्याज सहित लौटाया जाए.
मिश्र ने कहा कि प्रतिभा का पलायन नहीं होना चाहिए. भारत विकासशील देश है जिसको युवा विकसित देश बनाने में अपनी अहम भूमिका निभा सकते हैं. वहीं इस दौरान कार्यक्रम में 1217 स्टूडेंट्स को डिग्रियां दी गई. जबकि 35 स्टूडेंट्स को गोल्ड मेडल दिया गया. जिनमें से 18 स्टूडेंट के छात्रा होने पर भी मिश्र ने 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' और 'महिला सशक्तिकरण' का उदाहरण बताया. वहीं, एमएनआईटी डायरेक्टर उदय कुमार ने बताया कि यहां बिना रिजर्वेशन के ही 25 प्रतिशत से ज्यादा छात्राएं पड़ रही हैं, जो मेरिट में भी शामिल है.