जयपुर. राजस्थान सरकार (Rajasthan Government) की कृषि प्रसंस्करण, कृषि व्यवसाय एवं कृषि निर्यात प्रोत्साहन नीति (Agriculture Export Promotion Policy) 2019 के तहत राजस्थान में कोविड से बने विपरीत हालातों के बीच 617 एग्रो प्रोजेक्ट स्थापित हो रहे हैं. इन प्रोजेक्ट में 1255 करोड़ का निवेश होगा. राज्य सरकार ने अब तक 338 प्रोजेक्ट पर 119 करोड़ रुपए की सब्सिडी मंजूर कर दी है.
प्रदेश के 88 किसानों को इस नीति के तहत 39 करोड़ 60 लाख रुपए की सब्सिडी स्वीकृत की गई है, जिन्होंने 89 करोड़ का निवेश किया है. वहीं गैर कृषक उद्यमियों ने 496 करोड़ रुपए निवेश कर प्रदेश में 250 इकाइयां स्थापित की है, जिन पर प्रदेश सरकार की ओर से 79 करोड़ 69 लाख सब्सिडी के तहत दिए गए हैं.
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इस नीति के तहत सबसे ज्यादा रुचि वेयरहाउस स्थापना में दिखाई जा रही है और राजस्थान में 226 वेयरहाउस स्थापित हो रहे हैं. एग्रो प्रोसेसिंग क्षेत्र में अनाज प्रोसेसिंग की 82, तिलहन प्रोसेसिंग की 76 इकाइयां, दलहन की 46, मसाले की 43, मूंगफली की 36, कपास की 33, कैटल फीड की 16, दूध प्रोसेसिंग की 15, शॉर्टिंग-ग्रेडिंग कि 13 और 31 अन्य इकाइयां राजस्थान में इस नीति के तहत लगाई जा रही है.
यह फायदे मिलते हैं कृषि प्रसंस्करण कृषि व्यवसाय एवं कृषि निर्यात प्रोत्साहन नीति 2019 में : मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य सरकार की पहली वर्षगांठ के मौके पर दिसंबर 2019 में कृषि प्रसंस्करण, कृषि व्यवसाय एवं कृषि निर्यात प्रोत्साहन नीति 2019 लॉन्च की थी. इस नीति के तहत एग्रो प्रोसेसिंग इंडस्ट्री लगाने और इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करने के लिए किसानों और उनके संगठनों को परियोजना लागत का 50% अनुदान जो अधिकतम एक करोड़ रुपए हो सकता है और अन्य पात्र उद्यमियों को 25% जो अधिकतम 50 लाख अनुदान के रूप में दिया जा रहा है.
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इसके साथ ही इस नीति के तहत संचालन लागत कम करने के लिए सावधि ऋण लेने पर किसानों और उनके समूह को 6 फीसदी की दर से 5 साल तक ब्याज अनुदान दिया जा रहा है, जबकि आदिवासी क्षेत्रों में और पिछड़े जिलों में इकाइयां लगाने वाले और अनुसूचित जाति जनजाति महिला और 35 साल से कम उम्र के उद्यमियों को 1% अतिरिक्त ब्याज अनुदान मिल रहा है. यह प्रसंस्करण उद्योगों के लिए अधिकतम 50 लाख और आधारभूत संरचना इकाइयों के लिए 1 करोड़ रुपए तक दिया जा रहा है.