जयपुर. राजधानी जयपुर में दूसरे राज्यों से लाकर नन्हे-मुन्ने बच्चों से बाल मजदूरी करवाने के मामले देखे जाते हैं. इन बच्चों का भविष्य बचाने के लिए बचपन बचाओं, आंदोलन संस्था, मानव तस्करी यूनिट और पुलिस के साथ चाइल्ड लाइन काम कर रही है.
18 बाल श्रमिकों को मुक्त करवाकर ट्रेन से भेजा गया बिहार बता दें, कि राजधानी में बाल श्रम करने वाले करीब 118 बाल श्रमिकों को मुक्त करवाकर शनिवार को उनके घर भेजा गया है. बच्चों को ट्रेन से बैठाकर बिहार के लिए रवाना किया गया. इस दौरान नन्हे-मुन्ने बच्चों के चेहरों पर काफी खुशी की झलक देखने को मिली. इन बच्चों से जयपुर में बाल मजदूरी करवाई जा रही थी. जिनको मानव तस्करी यूनिट और बचपन बचाओ आंदोलन संस्था ने मुक्त करवाने में अपनी अहम भूमिका निभाई.
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सभी बाल श्रमिकों को मुक्त करवाने के बाद कई दिन से प्रशासन की देखरेख में रखा जा रहा था. बच्चों की खान पीन संबंधित सभी जरूरतों को पूरा किया जा रहा था. इसके बाद उन्हें भेजने के लिए ट्रेन का इंतजाम कर शनिवार को बिहार के लिए रवाना कर दिया गया है. इस दौरान मानव तस्करी यूनिट पुलिस और जिला प्रशासन के अधिकारी मौजूद रहे. बच्चों ने अपने घर जाने की खुशी जताते हुए प्रशासन को धन्यवाद दिया.
जानकारी के मुताबिक नन्हे-मुन्ने बच्चों को बिहार से पढ़ाई के बहाने जयपुर लाया जाता है और इनसे बाल मजदूरी करवाई जाती है. इस दौरान बच्चों को काफी यातनाएं भी सहन करनी पड़ती है. समय पर खाना नहीं दिया जाता और भूखे प्यासे बच्चे करीब 15 से 16 घंटे काम करते हैं.