जयपुर. स्टेट फाइनेंस कमिशन का पैसा अब सीधा पंचायतों के खातों में ट्रांसफर नहीं किया जाएगा. अब वित्त विभाग के पीडी खातों के जरिए पंचायतों को पैसे लेने के आदेश का भारी विरोध हो रहा है. इस विरोध के कारण गुरुवार को प्रदेश के सभी 11,344 पंचायतों की तालाबंदी की गई. प्रदेश के सभी सरपंचों ने सरकार के इस आदेश का सामूहिक रूप से विरोध किया.
राजस्थान सरपंच संघ के प्रदेश अध्यक्ष भंवरलाल जानू ने बताया कि इस मामले में सरपंचों ने अपना विरोध जताते हुए सभी जिला कलेक्टरों को ज्ञापन सौंपा. इसके बाद सभी 25 सांसदों को ज्ञापन दिया गया और फिर 200 विधायकों को ज्ञापन सौंपा गया. इस मामले को लेकर वित्त सचिव अखिल अरोड़ा से बातचीत की गई, लेकिन बातचीत का कोई नतीजा नहीं निकला.
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भंवरलाल जानू ने बताया कि वित्त सचिव ने उन्हें कहा कि पीडी अकाउंट ऐसे ही रहेंगे, ज्यादा से ज्यादा इसमें कुछ सरलीकरण किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि लेकिन हमें नहीं लगता है कि इसमें सरलीकरण की कोई गुंजाइश है. उन्होंने कहा कि अगर एक बार पीडी अकाउंट खुल गया तो हमारा कोई भी सरपंच उसको ऑपरेट नहीं कर पाएगा.
जानू ने कहा कि गांव में नेट नहीं है, ट्रेंड अकाउंटेंट नहीं है और स्टाफ भी नहीं है. इसमें पैसे मिलने में देरी होती है. उन्होंने कहा कि पहले सेंट्रल से आए पैसों को भी पीडी अकाउंट में डाल दिया और वह आज तक पंचायतों को नहीं मिला है. उन्होंने बताया कि फाइनेंस कमीशन की पिछले साल की 2 किस्तें भी पीडी अकाउंट में डाल दी गई और उसमें मिलने वाले 3000 करोड़ रुपए अभी बाकी हैं.
भंवरलाल जानू ने आशंका जताई कि सरकार फाइनेंशियल क्राइसिस का नाम लेकर कभी भी खाते सीज कर सकती है. ऐसे में सरपंच आक्रोशित है. 11,344 पंचायतों में गुरुवार को तालाबंदी की गई है और शुक्रवार से पंचायत के सभी काम बंद कर देंगे. अगर मांगें नहीं मानी गई तो नरेगा में मस्टरोल जीरो कर दिया जाएगा.