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जीण माता को चढ़ाई गई 108 मीटर की चुनरी! माता के दरबार में सजाई गई विशेष फूल बंगला झांकी - सिद्ध शक्तिपीठ श्री जीण धाम

शक्तिपीठ श्री जीण माता मंदिर में पहले नवरात्र से ही श्रद्धालुओं की धूम है.अब तक करीब 30 हजार भक्त मंदिर परिसर में पहुंच माता के दर्शन कर चुके हैं तो वहीं मंदिर प्रशासन की ओर से माता के ऑनलाइन दर्शन की भी व्यवस्था की गई है. विशेष आकर्षण का केन्द्र 108 मीटर की वो चुनरी (108 meter long chunari) रही, जिसे श्रद्धालुओं ने मां को अर्पित किया.

chunari offered at Shaktipeeth Shri Jeen Mata Mandir
माता की चुनरी ले जाते भक्त

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Published : Apr 3, 2022, 9:34 AM IST

जयपुर. चैत्र नवरात्र में सिद्ध शक्तिपीठ श्री जीण धाम (Shaktipeeth Shri Jeen Mata Mandir) में अनूठा नजारा देखने को मिला. जहां भक्तों ने माता के 108 मीटर लंबी चुनरी (108 meter long chunari) चढ़ाई. इसे सैकड़ों श्रद्धालुओं ने अपने सिर पर लहराते हुए माता के दरबार तक पहुंचाया. श्री जीण माता मंदिर में पहले नवरात्र से ही श्रद्धालुओं की धूम शुरू हो गई.

अब तक करीब 30 हजार भक्त मंदिर परिसर में पहुंच माता के दर्शन कर चुके हैं तो वहीं मंदिर प्रशासन की ओर से माता के ऑनलाइन दर्शन की भी व्यवस्था की गई है. ऑनलाइन माध्यम से10 हज़ार भक्तों ने भगवती राजराजेश्वरी के दर्शन किए. चैत्र नवरात्रि मेले से जुड़ी व्यवस्थाओं को देख रहे पुजारी कमल पाराशर ने बताया कि देशभर में कई स्थानों से माता के मोहक शृंगार के लिए भक्तों ने खूबसूरत चुनरी चढ़ाई. जिसमें 108 मीटर लंबी चुनरी सभी के आकर्षण का केंद्र बन गई.

जीण माता को चढ़ाई गई 108 मीटर की चुनरी

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108 मीटर लम्बी चुनरी को सैकड़ों श्रद्धालुओं ने अपने सिर पर लहराते हुए माता के दरबार तक पहुंचाया. पुजारी रजत पाराशर ने बताया कि अनुशासित ढंग से भक्तों ने माता के दर्शन कर मंगल कामना की. इससे पहले शनिवार को सुबह घट स्थापना के साथ माता की विशेष आरती की गई.आज से मेला व्यवस्था से संबद्ध सभी भक्तों और ट्रस्ट कर्मचारियों ने अपने परिचय पत्र के साथ अपनी ड्यूटी संभाल ली है. जिला और स्थानीय प्रशासन के अलावा सुरक्षा व्यवस्था को लेकर पूरी जिम्मेदारी पुलिस ने उठाई है.

आपको बता दें कि नवरात्रि में घट स्थापना का खास महत्व होता है. इसे कलश स्थापना के नाम से भी जाना जाता है. कलश को भगवान विष्णु का रूप माना जाता है. नवरात्रि में मां दुर्गा के 9 स्वरूप की पूजा की जाती है. हिंदू कैलेन्डर के अनुसार, चैत्र महीने की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को चैत्र नवरात्रि का त्योहार मनाया जाता है.

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