राजस्थान

rajasthan

ETV Bharat / city

राजस्थान के 108 प्रबुद्धजनों ने बंगाल हिंसा पर राष्ट्रपति से हस्तक्षेप की अपील की - rajasthan enlightened people

बंगाल हिंसा को लेकर राजस्थान के 108 प्रबुद्धजनों ने राष्ट्रपति के नाम राज्यपाल कलराज मिश्र को ज्ञापन भेजा है. प्रबुद्धजनों ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से बंगाल में तत्काल हिंसा रोकने, पीड़ितों को सुरक्षा मुहैया करवाने के साथ पुनर्वास करने और केंद्रीय सुरक्षा बलों को तैनात करने सहित कई मांगे की गई हैं.

bengal violence, president ram nath kovind
राजस्थान के 108 प्रबुद्धजनों ने बंगाल हिंसा पर राष्ट्रपति से हस्तक्षेप की अपील की

By

Published : May 25, 2021, 5:12 PM IST

जयपुर.विधानसभा चुनाव परिणाम के बाद पश्चिम बंगाल में हिंसा को लेकर राजस्थान के प्रबुद्धजनों ने राष्ट्रपति के नाम राज्यपाल कलराज मिश्र को ज्ञापन भेजा है. ज्ञापन के जरिये बंगाल में तत्काल हिंसा रोकने, पीड़ितों को सुरक्षा मुहैया करवाने के साथ पुनर्वास करने और केंद्रीय सुरक्षा बलों को तैनात करने सहित कई मांगे की गई हैं.

पढ़ें: CM गहलोत की तारीफ के बाद इंद्राज गुर्जर ने सचिन पायलट के लिए कही बड़ी बात

राजस्थान के वरिष्ठ सेवानिवृत्त प्रशासनिक, न्यायिक-वरिष्ठ अधिवक्ता, सेना व पुलिस से निवृत्त अधिकारी, अनुसूचित जाति-जनजाति समाज व संस्थाओं के प्रतिनिधि, पद्मश्री सम्मानित, पदक विजेता खिलाड़ी व पत्रकार-स्तम्भ लेखक सहित सामाजिक जीवन के महत्वपूर्ण स्थानों से अनुभव प्राप्त हस्तियों ने बंगाल की हिंसक त्रासदी को स्वस्थ लोकतंत्र और सद्भाव के लिए गहरा आघात बताया. इसे संवैधानिक व सामाजिक संकट मानते हुए राजस्थान विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति जेपी सिंघल व पूर्व आईपीएस अधिकारी केएल बेरवा ने अपने साथियों के साथ बंगाल हिंसा के पीड़ित नागरिकों के साथ कष्ट की इस घड़ी में खड़े होने व उनको न्याय दिलाने के लिए राज्यपाल के माध्यम से राष्ट्रपति को राजस्थान के लगभग सभी जिलों से प्रतिनिधिक अग्रणी जनों के हस्ताक्षर प्राप्त कर ज्ञापन भेजा.

ज्ञापन पर 18 प्रशासनिक, 20 न्यायिक व वरिष्ठ अधिवक्ता, 14 शिक्षाविद, 22 सामाजिक, 6 सेना व पद्मश्री प्राप्त, 15 पदक विजेता खिलाड़ी और 13 वरिष्ठ पत्रकारों ने हस्ताक्षर किए हैं. ज्ञापन को मेल के माध्यम से भेजा गया है. ज्ञापन के माध्यम से पश्चिम बंगाल में हुई हिंसा पर गम्भीरता पूर्वक ध्यान आकृष्ट करते हुए कहा है कि पश्चिम बंगाल में हिंसा के कारण न केवल लोकतंत्र के आधारभूत सिद्धांत स्वतंत्र चुनाव (Free election) को गहरी चोट पहुंची है, बल्कि संविधान के अनुच्छेद-21 में निहित 'गरिमामय जीवन के अधिकार' का व्यापक स्तर पर हनन हुआ है. वहां नागरिकों के जीवन, संपत्ति व अधिकारों की रक्षा करने के पवित्र दायित्व से राज्य शासन विमुख हो रहा है.

राष्ट्रपति से की गई ये मांगें

  • तत्काल हिंसा रोकी जाए
  • हिंसा के जिम्मेदार लोगों को दंडित किया जाए
  • हिंसा पीड़ितों को पर्याप्त सुरक्षा देने के साथ ही उन्हें उचित मुआवजा दिया जाए
  • स्थानीय पुलिस एवं प्रशासन की असफलता को देखते हुए केंद्रीय बलों की बंगाल में तैनाती की जाए
  • पीड़ितों के सुरक्षित पुनर्वास एवं सुरक्षित भविष्य को सुनिश्चित किया जाए

ABOUT THE AUTHOR

...view details