जयपुर. प्रदेश के डीएमएफटी फंड से विकास कार्यों के लिए 1075 करोड़ से ज्यादा राशि का उपयोग किया जाएगा. आधारभूत संरचनाओं के निर्माण और सीधे जनहित से जुड़ी गतिविधियों से आमजन को लाभान्वित किया जाएगा. इसी को ध्यान में रखते हुए सिलिकोसिस, इंदिरा गांधी मातृ शिशु पोषण सुरक्षा, काॅलेज भवन निर्माण, सड़क कार्यों सहित आम आदमी और संरचनात्मक विकास कार्यों को प्राथमिकता दी गई है
खान मंत्री प्रमोद जैन भाया ने दी विकास कार्यों के लिए स्वीकृत राशि की जानकारी यह जानकारी खान मंत्री प्रमोद जैन भाया ने सोमवार को सचिवालय में राज्य स्तरीय समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए दी.आदिवासी कल्याण के लिए पिछले दिनों घोषित इंदिरा गांधी मातृ शिशु पोषण सुरक्षा योजना के लिए प्राथ्मिकता से राशि दी जा रही है. उन्होंने बताया कि प्रावधानों के अनुसार दो करोड़ से कम के प्रस्तावों को जिला स्तर पर ही जिला प्रभारी मंत्री की अध्यक्षता में गठित समिति में अनुमोदित कराकर व्यय करने के लिए अधिकृत किया हुआ है. इससे जिला स्तरीय बैठक में अनुमोदित कराकर विभिन्न विभागों को राशि उपलब्ध कराई जा रही है. माइंस मंत्री भाया ने खनन क्षेत्रों के निवासियों व वहां के विकास कार्यों को प्राथमिकता देने की आवश्यकता प्रतिपादित करने के साथ ही जिला स्तरीय बैठक के नियमित आयोजन के निर्देश दिए.
पढ़ें- कृषि कानूनों पर सुप्रीम कोर्ट की रोक पर बोले रामपाल जाट, आदेश की प्रति का अध्ययन करने के बाद ही देंगे प्रतिक्रिया
किस मद में कितनी राशि स्वीकृत
- सिलिकोसिस प्रभावित लोगों के लिए 200 करोड़ रु.
- महिला एवं बाल विकास विभाग की योजना के लिए 20 करोड़ रु.
- राज्य में 7 काॅलेजों के निर्माण के लिए करीब 46 करोड़ रु.
- राज्य में सड़क निर्माण और सड़क सुधार कार्यों के लिए 750 करोड़ रु.
- विभिन्न विभागों से प्राप्त 105 करोड़ रु. के प्रस्तावों को भी अनुमोदित किया गया.
खान मंत्री प्रमोद जैन भाया ने कहा कि भविष्य में संबंधित विभाग जिला स्तरीय कमेटी से अनुमोदित कराकर ही प्रस्ताव भिजवाएं. उन्होंने बताया कि खनन विभाग को विभागों द्वारा प्राप्त प्रस्तावों को उदारता से अनुमोदित किया गया है. क्योंकि मुख्यमंत्री और सरकार की मंशा उपलब्ध राशि का उपयोग करते हुए विकास कार्यों को गति देना है.
माइंस एवं पेट्रोलियम विभाग के प्रमुख शासन सचिव अजिताभ शर्मा ने बताया कि डीएमएफटी फण्ड में उपलब्ध राशि में से 60 प्रतिशत राशि प्राथमिकता क्षेत्र जैसे पेयजल, पर्यावरण संरक्षण, स्वास्थ्य, शिक्षा, महिला एवं बाल कल्याण, वृृद्ध एवं दिव्यांग कल्याण, कौशल विकास, स्वच्छता आदि पर खर्च करने का प्रावधान है वहीं 40 प्रतिशत राशि अन्य प्राथमिकता क्षेत्र जैसे सिंचाईं, उर्जा, सड़क एवं जल संरक्षण कार्यों पर खर्च करने का प्रावधान है. नई खनन नीति को लेकर ने मंत्री प्रमोद जैन ने बताया कि अन्य राज्यों की खनन पॉलिसी का अध्ययन किया जाता है ताकि प्रदेश की नई खनन नीति प्रभाव बन सके.