जयपुर. राजस्थान कैबिनेट की बैठक में बुधवार को निर्णय लेते हुए 12 जिलों के शहरी क्षेत्र जिसमें किशनगंज और शाहबाद आते हैं वहां पर 10 फीसदी आर्थिक रूप से पिछड़े सवर्णों के लिए आरक्षण के प्रावधान को मंजूरी दे दी है. साथ ही राजस्थान के इस जिलों में 5 फीसदी आरक्षण पिछड़े वर्ग के लिए भी दिया गया है. ऐसे में राजस्थान का सहरिया इलाका एकमात्र ऐसा हो गया है जहां आरक्षण की सीमा बढ़कर अब 64 फीसदी हो गई है, जबकि बाकी राजस्थान में यह 60 फीसदी अधिकतम है.
प्रदेश के 12 जिलों में लागू होगा आर्थिक आधार पर पिछड़ों के लिए 10 फीसदी आरक्षण राजस्थान के 12 जिलों के अंतर्गत आने वाले शहरी इलाके में आरक्षण बढ़ाया गया है. हालांकि, अभी सहरिया क्षेत्र में आरक्षण के संशोधन का अनुमोदन किया गया है जिसे नोटिफिकेशन के बाद लागू किया जाएगा. वर्तमान में 12 जिलों के शहरी क्षेत्रों में स्थानीय शहरी आदिवासी जाति को 25 फीसदी आरक्षण, अनुसूचित जन जातियों को 6 फीसदी, अनुसूचित जातियों के लिए 8 फीसदी तो अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए 10 फीसदी आरक्षण है. ऐसे में 15 फीसदी आरक्षण का प्रावधान और हो जाने से क्षेत्र में कुल आरक्षण सीमा 64 फीसदी हो गई है.
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कैबिनेट में हुई अन्य घोषणाएं
प्रदेश कैबिनेट की बैठक में बुधवार को उदयपुर एयरपोर्ट जमीन आवंटन के फैसले पर भी मुहर लगी. मंत्री रघु शर्मा ने बैठक के बाद जानकारी देते हुए कहा कि बैठक में सूखे की स्थिति से निपटने के लिए 4 जिलों जिनमें बाड़मेर, जैसलमेर, जोधपुर और हनुमानगढ़ के 3 लाख 93 हजार 130 किसानों को लाभ पहुंचाने के लिए केंद्र से 707 करोड़ रुपए की राशि मांगी गई है. साथ ही अतिवृष्टि प्रभावित कुल 24 जिलों में लोगों को राहत पहुंचाने के लिए भी केंद्र से 2624 करोड़ रुपए की राशि मांगी गई है.
मंत्री रघु शर्मा ने कहा कि अब से सर्किट हाउस में कर्मचारियों के कैडर भी बदल दिए गए हैं. वहीं, गुरुवार को कैबिनेट में गृह राज्य से संबंधित भी कई फैसलों पर कैबिनेट की मुहर लगी. राजस्थान सरकार की ओर से सर्कुलर के जरिए लिए गए फैसलों पर भी कैबिनेट में मुहर लगी. इसी तरह से 2 शहीदों के नाम पर स्कूलों का नामकरण भी किया गया है, जिसमें सांगोद राजकीय महाविद्यालय का नाम शहीद हेमराज मीणा तो वहीं खानपुर राजकीय महाविद्यालय का नाम मुकुट बिहारी लाल मीणा के नाम पर किया गया है.