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World Food Safety Day 2021 : बीकानेर के इस भोजनालय में अब तक 30000000 लोग कर चुके हैं 5 रुपए में भोजन - बीकानेर रोग निदान सेवा संघ ट्रस्ट

राजस्थान में अन्नपूर्णा और इंदिरा रसोई जैसी सरकारी योजनाएं खाद्य सुरक्षा के क्षेत्र में मील का पत्थर नजर आती हैं. लेकिन सही मायनों में खाद्य सुरक्षा की असली गारंटी साबित हुई है बीकानेर के रोग निदान सेवा संघ ट्रस्ट की रसोई. जहां अब तक 3 करोड़ लोग भोजन कर चुके हैं. वह भी सिर्फ 5 रुपए में.

world food safety day 2021
Food Safety की गारंटी वाला भोजनालय

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Published : Jun 7, 2021, 7:03 AM IST

Updated : Jun 7, 2021, 9:00 PM IST

बीकानेर. रोग निदान सेवा संघ ट्रस्ट की स्थापना मार्च 1998 में स्वामी रामसुखदास महाराज ने रखी थी. संभाग के सबसे बड़े अस्पताल पीबीएम के परिसर में ट्रस्ट ने एक भोजनालय की शुरूआत की. पीबीएम अस्पताल में करीब 10 जिलों और पड़ोसी राज्यों से मरीज और उनके परिजन आते हैं. ऐसे में अस्पताल परिसर के भोजनालय में 1998 से आज तक 5 रुपए में भरपेट भोजन कराया जा रहा है. इतना ही नहीं, बाहर से आने वाले लोगों को 10 रुपए में ठहरने की व्यवस्था भी की जाती है.

Food Safety की गारंटी वाला भोजनालय

जाहिर है कि अस्पताल में आने वाले मरीजों और उनके परिजनों के लिए यह भोजनालय अन्नपूर्णा का वरदान बना हुआ है. ट्रस्ट की सोच थी कि निशुल्क भोजन कराने से अच्छा है कि भोजन करने वालों से न्यूनतम राशि ली जाए. ताकि भोजन करने वालों का सम्मान बना रहे और अन्न का दुरुपयोग भी न हो.

अब तक 3 करोड़ लोगों को भोजन कराया

अब तक 3 करोड़ से ज्यादा लोग कर चुके भोजन

गौरतलब है कि 5 रुपए में भोजन की व्यवस्था पूर्ववर्ती वसुंधरा सरकार भी कर चुकी है और वर्तमान में 8 रुपए में गहलोत सरकार भी जरूरतमंदों को भोजन मुहैया करा रही है. लेकिन अन्नपूर्णा और इंदिरा रसोई से बहुत पहले से चल रहा यह भोजनालय आज भी लोगों को 5 रुपए में ही अनवरत भोजन करा रहा है. 23 साल से लगातार चल रहे इस भोजनालय में रोजाना तकरीबन 4 से 5 हजार लोग भोजन करते हैं. अब तक करीब 3 करोड़ लोग 5 रुपए में भोजन का लाभ उठा चुके हैं.

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बाहर से आने वाले मरीजों-परिजनों के लिए वरदान

बीकानेर संभाग के सबसे बड़े पीबीएम अस्पताल में कैंसर रिसर्च सेंटर भी है. साथ ही यहां करीब 10 जिलों और नजदीकी राज्यों से भी मरीज इलाज के लिए आते हैं. ऐसे में संस्था बाहर से आने वाले लोगों के लिए वरदान साबित हो रही है. बाहर से इलाज के लिए आने वाले गरीब, जरूरतमंद मरीज और परिजनों के लिए साफ सुथरा पौष्टिक और किफायती भोजन यहां आराम से मिल जाता है.

सोशल डिस्टेंस बरकरार, सेवा भी

भोजनालय कभी बंद नहीं हुआ

ट्रस्ट का कामकाज देख रहे देव किशन पेड़ीवाल ने बताया कि इस ट्रस्ट की शुरुआत भंवरलाल पेड़ीवाल ने की थी. ब्रह्मलीन सन्त स्वामी रामसुखदासजी महाराज ने इसका उद्घाटन किया था. उन्होंने कहा कि जब से इस भोजनालय की स्थापना हुई है. तब से इसे कभी बंद नहीं करना पड़ा. जबकि यहां रोजाना हजारों लोग भोजन करते हैं.

कोविड मरीजों के लिए विशेष निशुल्क थाली

कोरोना मरीजों के लिए निशुल्क भोजन

अस्पताल में भर्ती कोरोना मरीजों के लिए ट्रस्ट ने निशुल्क भोजन की व्यवस्था की है. अस्पताल प्रशासन की ओर से हर रोज मरीजों की जानकारी ट्रस्ट को भेजी जाती है. जिसके बाद ट्रस्ट इन मरीजों को पौष्टिक भोजन पैकेट के रूप में भेजता है. इस पैकेट में आम दिनों की अपेक्षा भोजन में वैरायटी अधिक होती है.

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ट्रस्ट की ओर से अन्य सेवा कार्य

भोजनालय की सुविधा के अलावा ट्रस्ट धर्मशाला का संचालन भी करता है. जहां बाहर से आने वाले लोगों को 10 रुपए में एक पलंग, अलमारी और प्रसाधन की सुविधा मुहैया कराई जाती है. संस्था ने रोगियों के लिए फ्री एंबुलेंस की भी व्यवस्था की है. पीबीएम अस्पताल का एक वार्ड भी संस्था ने गोद लिया है और समय-समय पर चिकित्सकीय उपकरण की भी मदद की जाती है.

23 साल से 5 रुपए में भोजन

ट्रस्ट से जुड़े गौरीशंकर कहते हैं कि मानव सेवा ही हमारा उद्देश्य है और आरंभ से ही हम इसी लाइन पर चल रहे हैं. ट्रस्ट से जुड़े अणतलाल जोशी कहते हैं कि अस्पताल में आने वाले लोगों के लिए हर वक्त ठंडे पानी की निशुल्क सुविधा टैंकर और प्याऊ के माध्यम से उपलब्ध है. वे कहते हैं कि दानदाताओं और भामाशाहों के सहयोग से ट्रस्ट संचालित हो रहा है. लेकिन कभी आर्थिक संकट से गुजरना नहीं पड़ा. उन्होंने कहा कि कोरोना के चलते भोजनालय की कैंटीन में सोशल डिस्टेंस का पालन नहीं हो पा रहा था. इसलिए सामने की खुली जगह में पर्याप्त दूरी पर बेंच लगाकर भोजन कराया जा रहा है.

कई बार मिला सम्मान

ट्रस्ट को सरकारी और गैर सरकारी स्तर पर कई बार सम्मानित किया जा चुका है. ट्रस्ट की सेवाओं को जिला प्रशासन ने भी अनुकरणीय माना है.

Last Updated : Jun 7, 2021, 9:00 PM IST

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