बीकानेर. पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वसुंधरा राजे दो दिन बीकानेर दौरे पर रहीं. विधानसभा चुनाव से पहले वसुंधरा राजे का यह दौरा कई मायनों में उस लिहाज से महत्वपूर्ण रहा जब भाजपा में 2023 में विधानसभा चुनावों से पहले मुख्यमंत्री के कई दावेदार प्रचारित किए (political messages in Dev darshan Yatra) जा रहे हैं. वैसे बीकानेर संभाग इस लिहाज से भी महत्वपूर्ण है कि इस संभाग से अभी तक प्रदेश में कोई मुख्यमंत्री नहीं बना. वसुंधरा राजे ने देव दर्शन यात्रा के दौरान यहां कोई जनसभा नहीं की थी, बावजूद उसके देशनोक और बीकानेर में ठीक देवदर्शन (Vasundhara political message in dev darshan Yatra) के बाद रखी गई जनसभा बिना राजे की सहमति के नहीं हो सकती थी. इन दोनों ही सभाओं में राजे भले ही कुछ मिनट के लिए बोली हों लेकिन उसमें भी वे कई सियासी संदेश छोड़ गईं.
देशनोक में कहा- संघर्ष से मिलता है मुकाम
देशनोक की जनसंवाद सभा में वसुंधरा राजे ने इस बात की ओर इशारा किया कि समय कभी एक सा नहीं रहता है और उतार-चढ़ाव आता रहता है. उन्हें जीवन में कभी भी बिना मेहनत के सफलता नहीं मिली है. राजे ने इस दौरान कार्यकर्ताओं को भी मजबूत होते हुए एकता के साथ काम करने की नसीहत दी और कहा कि उन्हें भगवान का आशीर्वाद है, ऐसे में कोई उनका रास्ता नहीं रोक सकता. हालांकि इस पूरे संदेश को अगर दूसरे नजरिए से देखा जाए तो यह साफ तौर पर राजे की ओर से इशारा था कि वे पार्टी के भीतर चल रहे वर्तमान द्वंद्व में संघर्ष कर रही हैं और उन्हें इसका परिणाम भी मिलेगा.
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खुद की सरकार नहीं बन पाने की कही बात
आमतौर पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपने भाषणों में सरकार को रिपीट कराने के लिए कहते नजर आते हैं और एक बार भाजपा और एक बार कांग्रेस की परिपाटी को तोड़ने के लिए जनता से अपील भी करते दिखते हैं लेकिन नगर के सामने हुई सभा में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने अशोक गहलोत को आड़े हाथ लिया. उन्होंने गहलोत पर विकास कार्यों को ठप करने का आरोप लगाया और खुद की सरकार के समय हुए विकास के कार्यों को लोगों को गिनाया बल्कि बीकानेर में हुए कार्यों को लेकर भी लोगों से हामी भरवाई. साथ ही वो यह कहने से भी नहीं चूकीं कि मेरी सरकार चली गई और काम रुक गए. अगर सरकार दोबारा आती तो विकास के काम बंद नहीं होते.
जयपुर से दिल्ली तक दिया संदेश
कहने को तो यह वसुंधरा की देवदर्शन यात्रा थी और कहीं भी जनसंवाद और संपर्क जैसा कोई जिक्र नहीं था. लेकिन बावजूद इसके वे लोगों से लगातार मिलीं और देशनोक में अपने भाषण में भी उन्होंने भारी भीड़ की मौजूदगी से जुड़ते हुए कहा कि इसकी आवाज जयपुर तक जाएगी. इस पूरे 2 दिन के दौरे में मुख्य रूप से बीकानेर में पूर्व मंत्री देवी सिंह भाटी के पास कमान रही जो फिलहाल भाजपा में नहीं हैं. ऐसे में शहर और देहात भाजपा संगठन इस पूरी यात्रा से दूरी बनाए हुए रहा. बावजूद उसके देशनोक और बीकानेर में जिस तरह से लोगों की मौजूदगी रही उससे कहीं न कहीं राजे पार्टी के मंच पर इस बात का मैसेज देने की कोशिश करेंगी कि आज भी राजस्थान भाजपा में भीड़ जुटाने में उनसे बड़ा कोई चेहरा नहीं है,वह भी तब जब अधिकांश संगठन के पदाधिकारी उनके दौरे से दूरी बनाए हुए हैं. हालांकि जनता की नब्ज टटोलने के साथ ही उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथ मजबूत करने की भी बात मंच से कहकर भाजपा के शीर्ष नेतृत्व से पटरी नहीं बैठने की चर्चाओं पर विराम लगा दिया.