बीकानेर. जेलों से कई बार कैदियों के फरार होने की घटना सामने आती है. इसमें जेल प्रशासन की ओर से कार्रवाई भी की जाती है. लेकिन बीकानेर की सेंट्रल जेल में गुरुवार को एक अजीब मामला सामने आया है.
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जेल में सजायाफ्ता कैदी पैरोल पर बाहर गया और वापस नहीं लौटा. खास बात यह रही कि जेल प्रशासन को कैदी के बारे में तीन साल तक पता ही नहीं चल सका. तीन साल के बाद जब कैदी को लेकर जेल प्रशासन चेता तो अधिकारियों के होश उड़ गए. जेल अधिकारियों ने बीकानेर के बीछवाल थाना में मामला दर्ज कराया है.
बीकानेर सेंट्रल जेल प्रशासन ने बीछवाल थाने में रिपोर्ट दी है कि गंगानगर निवासी शिवलाल नायक हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहा था. 5 फरवरी 2018 को उसकी पैरोल स्वीकृत हुई. उसके बाद उसे पैरोल पर रिहा कर दिया गया. कैदी को 30 दिन की पैरोल स्वीकृत की गई थी. उसे 6 मार्च 2018 को वापस लौटना था. लेकिन वह वापस नहीं लौटा.
बीछवाल थानाधिकारी मनोज शर्मा ने बताया कि जेल प्रहरी कमल स्वामी ने कैदी शिवलाल के साथ ही उसकी जमानत देने वाले दोनों व्यक्तियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है. इस पूरे मामले में अब जेल प्रशासन के जिम्मेदारों का कहना है कि तत्कालीन समय में ही थाने में परिवाद दिया गया था. जबकि, थानाधिकारी मनोज शर्मा ने इस तरह कोई परिवाद मिलने की बात से इनकार कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि जेल प्रशासन ने अब लिखित रिपोर्ट दी है. जिसके आधार पर मामला दर्ज किया गया है.
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जेल की व्यवस्था पर भी पलीता
कैदी के पैरोल पर जाने के बाद वापस नहीं लौटने के मामले में जेल की व्यवस्थाओं पर भी सवालिया निशान लग रहे हैं. जानकारों की मानें तो हर दिन जेल में कैदियों की उपस्थिति दर्ज होती है. ऐसे में सवाल उठता है कि तीन साल तक उक्त कैदी को लेकर जेल प्रशासन कोई कार्रवाई क्यों नहीं कर सका?. अब मामला सामने आने के बाद फरार कैदी की तलाश जारी है.