राजस्थान

rajasthan

ETV Bharat / city

PBM की बदहाली पर भड़के युवा, कहा- व्यवस्था ठीक नहीं हुई तो अधीक्षक के घर का काट देंगे बिजली कनेक्शन

बीकानेर संभाग के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल पीबीएम में अक्सर मरीजों को परेशानियां होती हैं. कई बार इलाज के दौरान लापरवाही को लेकर विवाद भी सामने आए हैं. अस्पताल की बदहाली को लेकर भी लोग समय-समय पर सवाल खड़े करते हैं.

PBM hospital superintendent, पीबीएम अस्पताल में साफ-सफाई, मोहन सिंह वेलफेयर सोसायटी

By

Published : Aug 13, 2019, 6:44 PM IST

बीकानेर. पीबीएम अस्पताल में साफ-सफाई व्यवस्था पूरी तरह से बदहाल है. आए दिन मरीजों और उनके परिजनों को होने वाली परेशानियां सामने आती रहती हैं. ऐसे में 'मोहन सिंह वेलफेयर सोसायटी' के बैनर तले मंगलवार को जागरूक युवाओं ने पीबीएम अधीक्षक डॉ. पी के बैरवाल का घेराव किया. युवा नेता वेद व्यास की अगुवाई में आए लोगों ने अस्पताल की खस्ता हालत को लेकर अधीक्षक को जमकर खरी-खोटी सुनाई. लोगों ने अधीक्षक को अपने साथ लेकर पीबीएम परिसर का पूरा राउंड लगाया. जगह-जगह बदहाल व्यवस्था को लेकर सुधारने की बात भी कही.

पीबीएम अस्पताल में युवाओं ने अधीक्षक का किया घेराव

वेद व्यास ने कहा कि सोसायटी के लोगों ने पूरे पीबीएम अस्पताल का एक महीने तक पूरा निरीक्षण किया. जगह-जगह व्याप्त अव्यवस्थाओं को लेकर सबूत इकट्ठा किए. अस्पताल में पीने के पानी वाले वाटर कूलर में कीड़े पड़े हैं. वहीं मरीजों के लिए टॉयलेट की कोई व्यवस्था नहीं है. जो बने हुए टॉयलेट हैं, उन्हें स्टाफ टॉयलेट का नाम देकर बंद कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि अस्पताल परिसर में मुख्य मार्ग पर लाइट चालू नहीं है. इसको लेकर नगर प्रशासन, बिजली कंपनी और अस्पताल प्रशासन कोई जिम्मेदारी नहीं ले रहा है.

यह भी पढ़ेंः 'पेपरलेस' होगी लोकसभा...नए भवन बनाने की भी तैयारीः ओम बिड़ला

उन्होंने कहा कि उन्होंने अधीक्षक को चार दिन का समय दिया है. साथ ही कहा कि यदि 16 अगस्त तक अस्पताल परिसर की रोड लाइट चालू नहीं हुई तो व अधीक्षक के घर का बिजली का कनेक्शन काट देंगे. वे अस्पताल की व्यवस्थाओं को सुधारना चाहते हैं और इसको लेकर अस्पताल प्रशासन का सहयोग भी करना चाहते हैं. इसी कड़ी में आगामी 25 अगस्त को जनाना अस्पताल की पूरी साफ-सफाई एक ही दिन में 500 युवा मोहन सिंह वेलफेयर सोसायटी के बैनर तले करेंगे, जिसमें अस्पताल में रंग-रोगन का काम भी शामिल है. लेकिन अगर मरीजों की हो रही परेशानियों की ओर अस्पताल प्रशासन ध्यान नहीं दिया तो वे चुप नहीं बैठेंगे.

ABOUT THE AUTHOR

...view details