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Special: ऑनलाइन एजुकेशन के पॉजिटिव रिजल्ट के बीच महिला शिक्षकों की निजता पर मंडराने लगा ये खतरा - Global pandemic corona virus

वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के कारण सभी स्कूल बंद है और इस बार बच्चों की पढ़ाई नहीं हो पाई है. इस समस्या का खासकर प्राइवेट स्कूलों ने डिजिटल माध्यम से बच्चों को शिक्षा देने का उपाय निकाला, जिसमें ऑनलाइन क्लासेस वाट्सएप ग्रुप बना कर बच्चों को पढ़ाया जा रहा है. यह आपदा में अवसर तलाशने का ही एक जरिया है, लेकिन अब इसके दुष्परिणाम भी सामने आने लगे हैं. पढ़ें पूरी खबर...

Global pandemic corona virus, consequences of online education
ऑनलाइन क्लास के साइड इफेक्ट

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Published : Aug 21, 2020, 8:45 PM IST

बीकानेर. वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के कारण सभी स्कूलों को बंद कर दिया गया है. भारत के स्कूलों में मार्च में परीक्षाएं हो जाती हैं और अप्रैल में फिर से नयी कक्षाएं शुरू हो जाती हैं. लेकिन स्कूल बंद होने के कारण इस बार बच्चों की पढ़ाई नहीं हो पाई है. इस समस्या का खासकर प्राइवेट स्कूलों ने डिजिटल माध्यम से बच्चों को शिक्षा देने का उपाय निकाला, जिसमें ऑनलाइन क्लासेस वाट्सएप ग्रुप बना कर बच्चों को पढ़ाया जा रहा है.

ऑनलाइन पढ़ाई के दुष्परिणाम आने लगे सामने

अभिभावकों को जब तक अपने बच्चों की सुरक्षा का यकीन नहीं हो जाता है, तब तक वह आसानी से उन्हें बाहर भेजने का जोखिम नहीं लेंगे. ऐसे में ऑनलाइन पढ़ाई एकमात्र विकल्प के तौर पर आजमाई जा रही है. यह आपदा में अवसर तलाशने का ही एक जरिया है, लेकिन जिस तरह से इसके दुष्परिणाम सामने आने लगे हैं, उससे भविष्य में सामाजिक संकट का भी खतरा है. यह खतरा केवल बच्चों के छोटी उम्र में मोबाइल फ्रेंडली होने, स्क्रीन टाइम बढ़ने या उनकी आंखों पर पड़ने वाले असर का ही नहीं है.

ऑनलाइन पढ़ाई

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दरअसल, ऑनलाइन एजुकेशन सिस्टम में पढ़ने वाले विद्यार्थियों के साथ-साथ शिक्षक भी जुड़े हुए होते हैं. सोशल मीडिया के जरिए ग्रुप में लिंक से सभी आपस में जुड़ते हैं, लेकिन इससे खासतौर पर महिला शिक्षकों के साथ ही साथ में पढ़ने वाली छात्राओं के नंबर भी सार्वजनिक हो जाते हैं. ऐसे में इसका दुरुपयोग यहीं से शुरू हो जाता है.

ऑनलाइन पढ़ाई की प्रतीकात्मक तस्वीर

यह निजता का हनन हैः शिक्षिका

हालांकि, सीधे तौर पर इस तरह की कोई शिकायत अभी तक बीकानेर में दर्ज नहीं करवाई गई है. इसका एक कारण कई बार महिला शिक्षक और छात्राओं द्वारा खुद का नाम सार्वजनिक नहीं करने के कारण इस शिकायतों से बचना है. लेकिन खुद महिला शिक्षक भी इस बात को मानती हैं और उसे अपनी निजता का हनन भी बताती हैं.

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बीकानेर के एक निजी महाविद्यालय में बतौर शिक्षक कार्य कर रही डॉ. प्रीति कोचर का कहना है कि ऑनलाइन का एक दुष्परिणाम जो सामने आया है वह सबसे बड़ा है. इससे महिला शिक्षकों और छात्राओं की निजता को बड़ा खतरा है. उनका कहना है कि कई बार इस तरह की परिस्थितियां देखने को मिली है, जब ऑनलाइन कक्षाएं ले रहे छात्र इन नंबरों का दुरुपयोग करते हैं.

डॉ. प्रीति कोचर का कहना है कि खुद किसी तरह से चर्चा में नहीं आने के डर से कई बार महिला शिक्षक और छात्राएं इस बात को बताती नहीं है, लेकिन इस तरह के मामले सामने आने लग गए हैं.

प्रतीकात्मक तस्वीर

निकाला जा रहा नया तरीका

वहीं, एक निजी लॉ कॉलेज प्राचार्य डॉ. अनंत जोशी का कहना है कि ऑनलाइन एजुकेशन सिस्टम बहुत उपयोगी है, लेकिन इसके दुरुपयोग जैसी बात भी सामने आई है. उन्होंने कहा कि इसको लेकर कॉलेज लेवल पर जेंडर वाइज अलग-अलग ग्रुप बनाकर क्लासेस शुरू करने का निर्णय किया गया है.

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