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Sharad Purnima 2022 : शरद पूर्णिमा आज, इस दिन पूजा करने से होता है विशेष लाभ...

पूरे देश में आश्विन शुक्ल माह की पूर्णिमा पर हर साल शरद पूर्णिमा का त्योहार धूमधाम से मनाया जाता (Sharad Purnima 2022) है. हिंदू धर्म ग्रंथों और शास्त्रों में शरद पूर्णिमा पर्व का विशेष महत्व है. इस दिन पूजा करने से कई विशेष लाभ होते हैं.

Sharad Purnima 2022
शरद पूर्णिमा 2022

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Published : Oct 9, 2022, 7:46 AM IST

बीकानेर. आश्विन शुक्ल माह की पूर्णिमा पर हर साल शरद पूर्णिमा का त्योहार काफी धूमधाम से मनाया जाता (Sharad Purnima 2022) है. शरद पूर्णिमा का हमारे शास्त्रों में विशेष महत्व है. शरद पूर्णिमा का ज्योतिषीय आधार पर गणना के अनुसार भी बहुत महत्व है. पंचागकर्ता राजेंद्र किराडू ने बताया कि शरद पूर्णिमा की रात संपूर्ण 16 कलाओं से युक्त रहती है. उन्होंने बताया कि ज्योतिष में शरद पूर्णिमा की रात चंद्रमा की 16 कलाएं होने की बात कही जाती है. इस दिन चंद्रमा भ्रमण करते हुए पृथ्वी के एकदम निकट आ जाता है. जिसके चलते चंद्रमा अपने पूर्ण स्वरूप यानी कि पूर्ण चंद्रमा हमें नजर आता है.

भगवान श्रीकृष्ण ने रचाई रासलीला: उन्होंने बताया कि शास्त्रों में इस बात का भी उल्लेख है कि भगवान श्री कृष्ण ने 16,000 गोपियों के संग शरद पूर्णिमा के दिन ही रासलीला रचाई थी. शरद पूर्णिमा के दिन मां लक्ष्मी कुबेर देवताओं के राजा इंद्र और ऐरावत की पूजा का शास्त्रों में उल्लेख मिलता है और लौकिक व्यवहार में भगवान हनुमानजी की पूजा होती है.

पंडित राजेंद्र किराडू

पढ़ें:शरद पूर्णिमा आज, 'कोजागरी लक्ष्मी पूजा' से होगी मां लक्ष्मी की कृपा

खीर का लगाएं भोग: उन्होंने बताया कि शरद पूर्णिमा का दिन मां लक्ष्मी के लिए बेहद खास माना जाता है. उन्होंने कहा कि ऐसी मान्यता है कि अगर कोई भक्त शरद पूर्णिमा पर सच्चे मन से धन की देवी की उपासना करता है तो लक्ष्मी देवी उसे जीवन भर धन-अन्न के भंडार से भर देती हैं. कभी दरिद्रता नहीं आती है. यह दिन धन प्राप्ति के अलावा सुख-सौभाग्य में भी वृद्धि करता है. देवी लक्ष्मी को खीर अति प्रिय है और इस दिन खीर का प्रसाद बनाना चाहिए और मां लक्ष्मी को भोग लगाना चाहिए. पंडित किराडू ने बताया कि भगवान को भोग लगाने के बाद उस खीर को चंद्रमा की रोशनी में रखना चाहिए. 16 कलाओं से युक्त चंद्रमा का प्रकाश का अमरत्व का भाव खीर में आ जाता है और आयुर्वेद के हिसाब से उस खीर का सेवन करने से रोग से मुक्ति मिलती है और शरीर स्वस्थ रहता है.

शरद पूर्णिमा 2022 चंद्रमा पूजा मुहूर्त:अमृत- सर्वोत्तम: आज शाम 07:31 मिनट से रात 09:03 मिनट तक

शरद पूर्णिमा 2022 लक्ष्मी पूजा का मुहूर्त:लाभ – उन्नति: आज देर रात 01: 41 मिनट से तड़के 03:14 मिनट तक

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