बीकानेर. भारत का 70 साल का इंतजार खत्म होने को है. देश में एक बार फिर चीतों की वापसी हो रही है. अफ्रीका के नामीबिया से 8 चीते मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में 17 सितंबर को लाए जा रहे हैं. इन चीतों को भारत में लाने के लिए 13 साल पहले बीकानेर के गजनेर पैलेस में तत्कालीन केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री जयराम रमेश की मौजूदगी में भारतीय वन्यजीव ट्रस्ट और दुनिया भर के विशेषज्ञ चीता पुनरुत्पादन परियोजना (Roadmap for Cheetah regeneration scheme) के लिए एक रोडमैप तैयार करने के लिए एकत्र हुए, जिसे वन्यजीव ट्रस्ट ने प्रस्तावित किया था.
क्या हुआ था बैठक में: इस बैठक में इस संभावना के परीक्षण को लेकर दो दिवसीय बैठक हुई थी. बैठक में जयराम रमेश ने कहा था, 'मुझे लगता है कि हम उस जानवर के लिए ऋणी हैं जिसका नाम संस्कृत से लिया गया है. जो कभी हमारे देश में इतना सर्वव्यापी था कि कम से कम पेशेवरों और विपक्षों का विश्लेषण कर सके. इस विषय पर सर्वोत्तम अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञता के आधार पर निष्पक्ष और पेशेवर तरीके से लाभों और जोखिमों की जांच करें.'
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संभावनाओं पर चर्चा: बैठक में चीता के पुनरुत्पादन से संबंधित कई प्राथमिक मुद्दों पर चर्चा हुई थी. इनमें आवास और शिकार की उपलब्धता, मानव-पशु संघर्ष, पेशेवर परियोजना प्रबंधन और प्रजनन स्टॉक का स्रोत शामिल थे. बैठक की अध्यक्षता उदयपुर के एचआरएच ग्रुप ऑफ होटल्स के अध्यक्ष अरविंद सिंह मेवाड़ ने की थी. इसमें केंद्रीय पर्यावरण और वन मंत्रालय, राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) और चार राज्यों के मुख्य वन्यजीव वार्डन के अधिकारियों ने भाग लिया था.