बीकानेर.जिले के स्थानीय मोटा सराय में सोमवार को CAA, NRC और NPR के खिलाफ प्रदर्शन किया गया. जिसमें बड़ी संख्या में सर्व समाज के लोगों ने भाग लिया. विरोध कर रहे लोगों का कहना है कि सीएए देश के संविधान की मूल भावना के खिलाफ है.
सीएए, एनआरसी और एनपीआर के खिलाफ विरोध प्रदर्शन प्रदर्शन कर रहे लोगों का कहना है कि भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है. ऐसे में यहां सबसे बड़ा कानून इंसानियत है. केंद्र सरकार का यह निर्णय इंसानियत के खिलाफ है. प्रदर्शनकारियों के अनुसार सीएए देश के संविधान की मूल भावनाओं के खिलाफ है. साथ ही उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार अल्पसंख्यक विरोधी एजेंडे पर काम कर रही है.
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प्रदर्शनकारियों का यह भी कहना है कि इस एक्ट से देश में जातिवाद वैमनस्य ही बढ़ेगा. इसे काला कानून करार देते हुए कहा कि केंद्र सरकार इस कानून के जरिए एक विशेष तबके को टारगेट कर उन्हें देश से अलग करना चाहती है, जो किसी भी प्रकार से उचित नहीं है. इससे इस कानून को लेकर लोगों में भारी आक्रोश है. आने वाले दिनों में विभिन्न मोहल्लों में इस कानून के खिलाफ धरना प्रदर्शन कर अपना विरोध दर्ज कराएंगे और आगामी 14 फरवरी को जिला कलेक्ट्रेट के सामने स्थित कर्मचारी मैदान पर सर्व समाज का प्रदर्शन भी किया जाएगा.