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बीकानेरः प्याज ने बिगाड़ा 'जायका', बढ़ते दामों से 80 फीसदी कम हुई खपत

पिछले कई दिनों से पूरे देश में प्याज के बढ़ते भाव ने इसे राष्ट्रीय मुद्दा बना दिया है. पूरे देश के साथ ही बीकानेर में भी प्याज के दाम 4 गुना तक बढ़ गए हैं. वहीं इसकी खपत में भी गिरावट देखने को मिली है. बीकानेर में अब पहले के मुकाबले प्याज की खपत 20 फीसदी रह गई है.

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प्याज के बढ़ते दामों से 80 फ़ीसदी कम हुई खपत

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Published : Nov 30, 2019, 4:04 PM IST

बीकानेर.प्याज के बढ़ते दामों ने पूरे देश के साथ बीकानेर में भी आम लोगों को प्रभावित किया है. प्याज की आसमान छूती कीमतों ने इसकी बिक्री पर बड़ा असर डाला है.

महंगाई की मार के चलते पहले के मुकाबले प्याज की खपत में 80 फीसदी की कमी आई है. बीकानेर में प्याज ₹70 से ₹80 किलो के बीच में बिक रही है. पहले जहां बीकानेर के मुख्य सब्जी मंडी में ट्रकों में लादकर प्याज आते हुए दिख जाते थे, वहीं अब इनकी जगह एक दुकान में छोटी गाड़ियां ही बीकानेर पहुंच रही है.

प्याज के बढ़ते दामों से 80 फीसदी कम हुई खपत

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ईटीवी भारत की टीम प्याज के बढ़ते दामों से लोगों पर पड़े असर को समझने मंडी में पहुंची.

बीकानेर सब्जी मंडी के व्यापारी अनवर कहते हैं कि मौसम की मार के चलते प्याज की फसलें खराब हो गई है. ऐसे में अब इसके भाव बढ़ गए हैं. वहीं प्याज खरीदने के लिए आने वाले लोगों ने अब इसकी जरूरत को देखते हुए खरीदना तो बंद नहीं किया लेकिन मात्रा को कम कर दिया है.

बीकानेर सब्जी मंडी में प्याज खरीदने आए जुबेर ने कहा कि पहले जहां 5 किलो प्याज खरीदते थे, अब महज आधा किलो में ही काम चलाना पड़ रहा है.

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वहीं मंडी में प्याज खरीदने आए जमाल कहते हैं कि सरकार को इस बारे में सोचना चाहिए और विदेशों से या अन्य जगह से प्याज की आपूर्ति पूरी करवा कर इसके भाव को नियंत्रण करना चाहिए. उन्होंने कहा कि हमें पता है कि प्याज की फसल बारिश के चलते खराब हुई है लेकिन यह लोगों को सस्ते भाव में मिले यह सरकार की जिम्मेदारी है.

प्याज की बढ़ती कीमतों का असर इस बात से भी सामने आता है कि मंडी में इक्का-दुक्का दुकानों पर ही प्याज बेचा जा रहा है. अधिकतर दुकानदारों ने प्याज की बढ़ती कीमतों के चलते इसे रखना बंद कर दिया है तो वहीं खुदरा में बेचने वाले प्याज व्यापारी अब ग्राहक को बुलाने के लिए इसके भावों को एक पाव से ही बताते हुए नज़र आते है.

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वहीं प्याज के दाम को थामने में केंद्र सरकार लाचार नजर रही है, क्योंकि सरकार के पास एकमात्र उपाय है कि विदेशों से प्याज मंगाकर इसकी उपलब्धता बढ़ाई जाए, लेकिन कारोबारियों और कृषि विशेषज्ञों की मानें तो देश में प्याज की जितनी मांग है, उसकी पूर्ति आयात से करना मुश्किल है

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