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SPECIAL : बीकानेर में 'कगार' पर है कोरोना फाइटिंग सिस्टम...PBM अस्पताल पर लगातार बढ़ रहा दबाव, मरीज बढ़े तो चरमराएगी व्यवस्था - Corona infection Bikaner medical system

कोरोना की दूसरी लहर में बीकानेर में अस्पतालों में चिकित्सा व्यवस्थाएं दम तोड़ रही हैं. हालात ये हैं कि पूरी क्षमता लगाने के बाद भी बीकानेर में जैसे-तैसे हालातों को संभाला गया है. अब और मरीजों का दबाव बढ़ा तो व्यवस्था चरमरा जाएगी.

Pressure on Bikaner PBM Hospital
बीकानेर में अस्पतालों पर बढ़ रहा दबाव

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Published : May 3, 2021, 7:15 PM IST

Updated : May 3, 2021, 7:42 PM IST

बीकानेर. कोरोना संक्रमण लगातार बढ़ रहा है. दूसरी लहर सिस्टम की अग्निपरीक्षा ले रही है. सैकड़ों लोग संक्रमित हो रहे हैं. अचानक बढ़े मरीजों के दबाव से अस्पतालों में व्यवस्थाएं चरमराने लगी हैं. बीकानेर में भी सारी व्यवस्थाएं कगार पर हैं. मरीज इसी गति से बढ़े तो आगे हालात विकट होंगे.

'कगार' पर है कोरोना फाइटिंग सिस्टम

बीकानेर में अस्पतालों में कोरोना संक्रमण से क्रिटिकल हुए पेशेंट की संख्या बढ़ रही है. हालात बेकाबू होते जा रहे हैं. ऑक्सीजन सिलेंडर की खपत और ऑक्सीजन बेड की क्षमता कगार पर है.

अप्रैल महीने में अचानक संक्रमण बढ़ा. सरकार ने जन अनुशासन पखवाड़ा और वीकेंड कर्फ्यू लगाया. सोमवार से रेड अलर्ट जन अनुशासन पखवाड़े की सख्तियां शुरू हो गई हैं. बावजूद इसके कोरोना वायरस काबू में नहीं आ रहा. बड़ी तादाद में लोग पॉजिटिव हो रहे हैं.

बीकानेर संभाग के पीबीएम अस्पताल में हालात अभी तक कंट्रोल में नजर आ रहे थे. यहां बीकानेर जिले के अलावा हनुमानगढ़, गंगानगर, चूरू और नागौर जिलों से भी संक्रमित रोगी रेफर होकर आए. लिहाजा ऑक्सीजन बेड अब फुल होने के स्तर पर पहुंच गए हैं.

ऑक्सीजन बेड की कमी

पिछले महीने अप्रैल में बीकानेर में 13000 लोग कोरोना पॉजिटिव हुए. 75 से ज्यादा कोविड मरीजों की इलाज के दौरान मौत भी हुई. बीकानेर के पीबीएम के साथ ही निजी अस्पतालों में भी कोविड मरीजों का इलाज किया जा रहा है. लेकिन अब हालात कंट्रोल से बाहर जा रहे हैं. 4 दिन पहले बीकानेर जिला कलेक्टर नमित मेहता को पत्र लिखकर हनुमानगढ़, गंगानगर, चूरू और नागौर के जिला कलेक्टरों को अवगत कराना पड़ा कि पीबीएम अस्पताल में कोविड-19 के इलाज के लिए बेड फुल हो चुके हैं और अब किसी भी मरीज को बीकानेर के पीबीएम अस्पताल में रेफर नहीं किया जाए.

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हालात ये हैं कि अस्पताल में मरीजों को बेड उपलब्ध करवाना संभव नजर नहीं आ रहा है. ईटीवी भारत ने पीबीएम अस्पताल के अधीक्षक और मेडिसिन के सीनियर प्रोफेसर डॉ परमेंद्र सिरोही से बातचीत की तो उन्होंने स्वीकार किया कि आने वाले दिनों में अस्पताल में बेड उपलब्ध होना चुनौतीपूर्ण होगा.

रोजाना 1500-1600 सिलेंडर की खपत

बीकानेर में निजी और सरकारी अस्पतालों को मिलाकर कुल 1328 ऑक्सीजन बेड हैं. जिनमें कोविड के लिए कुल 559 बेड आरक्षित हैं. वर्तमान में कमोबेश ये सारे बेड फुल हो चुके हैं. अस्पताल अधीक्षक डॉ सिरोही कहते हैं कि राज्य सरकार की निर्देशों के बाद इलेक्टिव सर्जरी बंद की जा चुकी है. अस्पताल के दो वार्डों के अलावा सर्जरी वार्ड भी कोविड-19 के लिए ले लिया गया है. सामान्य कोविड मरीजों के लिए बेड की कमी नहीं है लेकिन ऑक्सीजन बेड अब नहीं हैं.

बढ़ गई ऑक्सीजन की खपत

डॉ सिरोही कहते हैं कि अस्पताल में कुल 15-16 सौ ऑक्सीजन सिलेंडर की खपत रोज हो रही है. पिछले दिनों 2100 सिलेंडर की भी खपत हुई. ऐसे में बीकानेर में खपत के अनुपात में स्टॉक में रखा अतिरिक्त कोटा खत्म हो गया. अब हर रोज जरूरत मुताबिक सिलेंडर उपलब्ध हो रहे हैं.

बीकानेर में अस्पतालों पर बढ़ रहा दबाव

बीकानेर में तीन ऑक्सीजन प्लांट हैं जहां दो में रिफिलिंग की सुविधा है. एक ऑक्सीजन जेनरेशन प्लांट से सेरूणा में स्थित है. जहां से हर रोज 500 सिलेंडर पीबीएम अस्पताल को मिल रहे हैं. पीबीएम अस्पताल में हवा से ऑक्सीजन बनाने के प्लांट की शुरुआत की गई है. जिससे हर रोज 150 सिलेंडर ऑक्सीजन उत्पादन होता है. बेड पर लगे पाइप लाइन के जरिए सीधे मरीजों को यह ऑक्सीजन दी जा रही है. इसके अलावा निजी अस्पतालों और घरों में रहकर इलाज करवा रहे मरीजों के लिए भी हर रोज करीब 200-250 सिलेंडर की खपत हो रही है.

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बीकानेर में अब एक दिन के अंतराल के बाद हर रोज एक ऑक्सीजन टैंकर की जरूरत है. अगर टैंकर के आने में देरी होगी तो बीकानेर में ऑक्सीजन की किल्लत देखने को मिल सकती है. ऑक्सीजन की भविष्य में किल्लत को देखते हुए पीबीएम अस्पताल में एक और हवा से ऑक्सीजन बनाने के प्लांट नेवली लिग्नाइट के सहयोग से लगाया जा रहा है. इसके अलावा अस्पताल प्रशासन ने सामान्य स्तर पर ऑक्सीजन की जरूरत वाले मरीजों के लिए 5 लीटर की 100 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर डिवाइस का सोमवार को ऑर्डर दिया है. इसकी आपूर्ति भी संभवत अगले 2 दिन में हो जाएगी. जिससे ऑक्सीजन की किल्लत की स्थिति पैदा नहीं होगी.

लोगों को सतर्क रहने की जरूरत

कुल मिलाकर संक्रमण के इस दौर में अब मरीजों को ऑक्सीजन के सहारे जिंदा रखने वाले पीबीएम अस्पताल को भी अब बेहतर इलाज और व्यवस्थाओं की सुचारू ढंग चलाने के लिए 'प्राणवायु' की जरूरत है.

Last Updated : May 3, 2021, 7:42 PM IST

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