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बीकानेरः लॉक डाउन में बिना सैनिटाइजर और मास्क पुलिस कर रही ड्यूटी

कोरोना वायरस को लेकर राज्य सरकार की ओर से पूरे प्रदेश में 31 मार्च तक लॉक डाउन के आदेश दिए गए हैं. साथ ही इस लॉक डाउन में आवश्यक सेवाओं को मुक्त रखा गया है.

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जनता कर्फ्यू का असर

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Published : Mar 22, 2020, 5:15 PM IST

बीकानेर.कोरोना वायरस के संक्रमण से आम लोगों को बचाने के लिए राज्य सरकार ने प्रदेश में लॉक डाउन किया हुआ है और 31 मार्च तक पूरे प्रदेश में सरकारी कार्यालयों से लेकर प्रतिष्ठान और दुकानें भी बंद रहेगी. सरकार के इस लॉक डाउन को सफल बनाने के लिए पुलिस फोर्स पूरी तरह से मुस्तैद नजर आ रही है.

जनता कर्फ्यू का असर

यहां तक कि सरकारी स्तर पर की जा रहे प्रचार प्रसार में भी आम लोगों को दिन में हर 20 मिनट में हाथ धोने और सैनिटाइजर का इस्तेमाल करने, खांसी जुकाम और छींकने की स्थिति में मुंह पर मास्क या कपड़ा लगाने की सलाह दी जा रही है. लेकिन हैरत की बात यह है कि उस संक्रमण से बचाव के लिए पुलिस फोर्स के लिए कोई इंतजाम नजर नहीं आ रहे हैं. पूरे प्रदेश में पुलिस फोर्स सड़कों पर आम लोगों को नहीं निकलने देने के लिए तैनात है.

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बीकानेर में भी लॉक डाउन के दौरान पुलिसकर्मी अपने स्तर पर ही इस तरह की व्यवस्था करते हुए नजर आए. पुलिसकर्मियों का कहना था कि ना तो उन्हें मास्क उपलब्ध करवाए गए और ना ही सैनिटाइजर की कोई व्यवस्था उनके लिए की गई है. जबकि सड़क पर गुजरने वाले व्यक्ति को रोकने के साथ ही कई मर्तबा पुलिसकर्मियों को उसके कागजात भी चेक करने पड़ते हैं. ऐसे में संक्रमण से बचाव को लेकर सरकार की ओर से किए जा रहे इंतजाम में खुद पुलिस भी सर्वाधिक रिस्क पर नजर आ रही है.

बीकानेर में जनता कर्फ्यू का असर-

विश्व भर में महामारी का रूप ले चुके कोरोनो वायरस के चलते सरकार की ओर से 31 मार्च तक लॉक डाउन और रविवार को जनता कर्फ्यू का असर रविवार अल सुबह से पूरे बीकानेर में दिखाई दिया. मेडिकल स्टोर्स को छोड़कर सभी दुकानें बंद रही. बीकानेर के कोटगेट, जस्सुसर गेट, गोगागेट, स्टेशन रोड सहित सभी बाजारों की सड़के सुनी दिखाई दे रही है.

जनता कर्फ्यू का असर

सड़कों पर इक्के-दु्क्के लोग ही दुपहिया वाहनों से निकलते हुए नजर आए. वहीं पुलिसकर्मी की मुस्तैद है, जो लोग बाहर मिल रहे है उनसे समझाईश कर घरों के अंदर रहने की सलाह दे रहे है. कालका मेल के बीकानेर पंहुचने के बाद ऑटो वाले रेलवे स्टेशन के पास ही स्थित कोटगेट तक का 500 रुपए किराया लिया जा रहा है.

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यहां तक कि एक यात्री ने बताया कि 55 किलोमीटर दूर जाने के लिए टैक्सी वाले दस हजार रुपए की मांग कर रहे है. इस संबंध में पुलिस को शिकायत की लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई. मजबूरन उन्हें कई घंटों अपने परिवार सहित स्टेशन के बाहर बैठना पड़ा तो कईयों को अपने घर तक पैदल ही जाने को मजबूर होना पड़ा.

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