बीकानेर. नगर निगम महापौर सुशीला कंवर राजपुरोहित ने गुरुवार से बीकानेर जिला कलेक्टर के सामने भाजपा पार्षदों और समर्थकों के साथ आमरण अनशन शुरू (Mayor Sushila Kanwar Rajpurohit on death strike) कर दिया है. महापौर सुशीला कंवर राजपुरोहित का नगर निगम आयुक्त गोपालराम से लगातार विवाद चल रहा है.
आयुक्त के खिलाफ शिकायत लेकर महापौर जयपुर भी गईं थीं. पिछले दो महीने से लगातार आयुक्त के खिलाफ लामबंद महापौर अब आमरण अनशन पर बैठ गईं हैं. उन्होंने अनशन दो दिन पहले प्रशासनिक सुधार विभाग की ओर से प्रशासन शहरों के संग अभियान से संबंधित किसी भी अधिकारी के तबादले पर बैन के आदेश जारी करने के बाद शुरू किया है.
आमरण अनशन पर बैठीं महापौर कल्ला को चुनौती
हालांकि कहने को तो यह महापौर और आयुक्त के बीच का विवाद है, लेकिन आयुक्त के बहाने मेयर सुशीला कंवर राजपुरोहित ने सीधे तौर पर प्रदेश के शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला को चुनौती दी है. आमरण अनशन पर बैठी महापौर ने सीधे तौर पर शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला पर बीकानेर शहर का विकास ठप करने और नगर निगम में दखलअंदाजी करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि शहर के विकास की योजनाओं को लेकर किसी भी विजन की बजाय वे सिर्फ बीकानेर नगर निगम में हस्तक्षेप कर रहे हैं.
इस बार महापौर सुशीला कंवर ने आयुक्त गोपालराम बिरडा की कार्यशैली पर सवाल खड़े करते हुए उन पर अलोकतांत्रिक तरीक़े से कार्य करने का आरोप लगाया. महापौर सुशीला कंवर ने साफ किया कि जब तक आयुक्त गोपालराम को यहां से नहीं हटाया जाता है तब तक उनका आमरण अनशन जारी रहेगा. उन्होंने कहा कि नगर निगम का पूरा तंत्र आयुक्त की कार्यशैली से खराब हो गया है और आमजन पूरी तरह से परेशान हो रहा है.