बीकानेर. कोरोना महामारी ने देश और दुनिया पर बुरा असर डाला है. पिछले एक साल में अर्थव्यवस्था, उद्योग, रोजगार, उत्सव, त्योहार और परंपराओं पर इसका असर देखने को मिला है. अक्षय तृतीया के दिन बीकानेर में जमकर पतंगबाजी होती है.
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दरअसल, बीकानेर नगर की स्थापना अक्षय द्वितीया को हुई थी और बीकानेर में लंबे अरसे से अक्षय तृतीया को पतंगबाजी करने की परंपरा है और अक्षय तृतीया को पतंगबाजी पूरे परवान पर होती है. लगातार दूसरे साल कोराना के चलते पतंगबाजी पर भी असर देखने को मिला है. हालांकि शुक्रवार को बीकानेर में पतंगबाजी हुई और लोग गर्मी में भी पूरे परिवार के साथ छतों पर पतंगबाजी करते हुए नजर आए.
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बता दें कि पिछले साल जिला कलेक्टर ने कोरोना संक्रमण के चलते पतंगबाजी पर रोक लगा दी थी, लेकिन इस साल प्रशासन ने पतंगबाजी पर रोक नहीं लगाई. लॉकडाउन के चलते पतंग और मांझा की दुकानें खुल नहीं पाई. ऐसे में मांझा और पतंग की बिक्री नहीं हो पाई. लोगों के पास ज्यादा पतंग और मांझा नहीं होने से पतंगबाजी पर भी इसका असर देखने को मिला.बावजूद उसके लोगों ने कई साल से चली आ रही परंपरा के निर्वहन में उत्साह दिखाया और गर्मी के बावजूद भी लोग छतों पर डटे नजर आए.
कोरोना से 12 मरीजों की मौत
बीकानेर में कोरोना संक्रमण की रफ्तार कम होती नजर नहीं आ रही है. शुक्रवार को बीकानेर में 547 पॉजिटिव रिपोर्ट हुए. वहीं 12 कोरोनामरीजों की मौत हो गई.